करोड़ो ख़र्च करने के बावजूद नहीं साफ़ हुई नदियां, कांग्रेस ने नमामि गंगे मिशन को बताया छलावा

प्रदेश सरकार ने 15 साल इस प्रोजेक्ट पर काम किया, नतीजा शून्य ही है।

Publish: Feb 24, 2023, 01:34 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में नदी-नालों के पानी को शुद्ध करने के लिए 15 साल में कई प्रोजेक्ट पर काम किया गया। जिला प्रशासन ने वाटर प्लस का खिताब भी हासिल कर लिया, लेकिन नदियों का पानी अब तक शुद्ध नहीं हुआ है।

 मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेश चौकसे एवं इंदौर शहर कांग्रेस के प्रवक्ता अमित चौरसिया ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि सीवेज और नदी सफाई के नाम पर अब तक दो हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, जबकि होना 170 करोड़ रुपए चाहिए था। इसके साथ ही उन्होंने सीधे तौर पर नगर निगम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

तो वहीं शहर में नदी-नालों के पानी को शुद्ध करने को लिए 15 साल में कई प्रोजेक्ट पर काम किया गया है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा जे न्यू आर एम प्रोजेक्ट के तहत 570 करोड़ से अधिक की राशि इंदौर शहर के विकास के लिए दी गई थी, जिसमें 270 करोड़ की राशि शुद्धि करण पर इंदौर नगर निगम द्वारा खर्च किए, जिसके बाद कई मदों से नदी नालों की सफाई के लिए केंद्र सरकार से पैसा आया जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

कांग्रेस नेताओं ने आगे कहा कि शहर में ग्राउंड लेवल वाटर की हालत दयनीय स्थिति में है। आस पास के क्षेत्रों में जमीन के नीचे का पानी पीने योग्य भी नहीं बचा है। इन्दौर प्रशासन नदी शुद्धिकरण को लेकर चाहे कितने ही दावे कर ले करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी अभी तक नदियों का पानी शुद्ध नहीं हुआ है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नमामि गंगे मिशन के तहत इंदौर की कान्ह एवं सरस्वती नदी को स्वच्छ करने के लिए केंद्र सरकार से 511 करोड रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। उन्होंने कहा कि हर बार शुद्धता के नाम पर नई योजनाएं लाकर शासन का पैसा  भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाया जा रहा है। कान्ह नदी पर नाव चलाना तो छोड़िए वहा खड़े रहकर सांस लेना भी दूभर है। करोड़ों रूपए ऊपरी दिखावट पर खर्च करने से नदी से तब्दील हो चुके नाले से उठती बदबू को कैसे छुपाएंगे।