गड्ढा खोदकर पानी की एक-एक बूंद के लिए मशक्कत करते आदिवासी, नर्मदापुरम जिले के केसला गांव की तस्वीर
पानी की समस्या 6-7 सालों से है, गांव में पानी की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है, पंचायत में बजट नहीं है कहकर समस्या को दरकिनार कर दिया जाता है

नर्मदापुरम। नर्मदापुरम जिले के आदिवासी इस भीषण गर्मी में प्यास और अव्यवस्था की मार झेल रहे हैं। तपती गर्मी उनकी प्यास बढ़ा रही है और पानी की अव्यवस्था उन्हें पानी की एक-एक बूंद के लिए गड्ढा खोदने पर मजबूर कर रही है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि दो महिलाएं एक गड्ढे से पानी भर रही हैं। छोटे से गड्ढे से जैसे-जैसे पानी कम हो रही है, वैसे-वैसे उनकी निराशा बढ़ती जा रही है।
यह भी पढ़ें: शादी में दूल्हे के शेरवानी पहनने पर विवाद इतना बढ़ा की घराती-बाराती में हुई हाथापाई, फूल की जगह बरसे पत्थर
पानी के लिए मशक्कत कर रहीं इन महिलाओं की ये तस्वीर मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के केसला गांव की है। इस वीडियो को विपिन श्रीवास्तव ने साझा किया है। वे इसे शेयर करते हुए लिखते हैं कि " मंदिर, मस्जिद, नमाज, हनुमान चालीसा, लाउडस्पीकर, बुलडोजर की सियासत के बीच ये तस्वीर देखिए, कैसे रोज जमीन में खड्डा खोदकर बूंद-बूंद पानी की मशक्कत हो रही है।"
मंदिर,मस्जिद,नमाज,हनुमान चालीसा, लाउडस्पीकर,बुलडोजर की सियासत के बीच ये तस्वीर देखिए, कैसे रोज जमीन में खड्डा खोदकर बूंद-बूंद पानी की मशक्कत हो रही है.
— Vipin Shrivastava (@JournalistVipin) May 8, 2022
MP के नर्मदापुरम जिले के आदिवासी बहुल केसला गांव की ये तस्वीर @ChouhanShivraj @OfficeOfKNath @digvijaya_28 @news24tvchannel pic.twitter.com/i4pbKA76DV
न्यूज़ 24 के पत्रकार विपिन ने इस मसले पर गांव वालों से बात भी की है। इस गांव में पानी की समस्या हर गर्मी में होती है। गांव वाले इसकी शिकायत करते रहे हैं, लेकिन व्यवस्था के कानों में जूं तक नहीं रेंगती है। इस गांव में पानी की दूसरी कोई व्यवस्था नहीं है। पंचायत सचिव कहते हैं कि 'नल जल योजना' का बजट नहीं है। गांव के ही ओमप्रकाश बताते हैं कि "हम नदी में पानी लेने आते हैं, कभी अगर ज्यादा लोग नदी में पानी भरने आ जाते हैं तो पानी नहीं मिल पाता है।"
यह भी पढ़ें: प्रेम का अर्थ ही भुला बैठा है आधुनिक समाज, हम ऐसे युग में पहुंच गए जहां प्रेम करना गुनाह हो गया
वे कहते हैं कि "अभी ट्यूबवेल खुदने वाला था, लेकिन वे (पंचायत) कहते हैं कि सरकार के पास अभी बजट नहीं है। अगर ट्यूबवेल खोदने के बाद पानी नहीं निकलता है तो क्या तुम पैसे दोगे।" ओमप्रकाश कहते हैं कि "यह समस्या 6-7 सालों से है और गांव में पानी की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। इस समस्या को लेकर हम कई बार पंचायत को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन बजट नहीं है बोलकर समस्या को दरकिनार कर दिया जाता है।
यह भी पढ़ें: पीतांबरा देवी के दर्शन करने दतिया पहुंचे सीएम योगी, यहां कई बड़े नेता आते हैं माथा टेकने
यही बात गांव के ही अर्जुन भी दुहराते हैं। वे कहते हैं कि "कुंआ भी एक किलोमीटर दूर है। बोर करवाना है, समस्या बहुत है गर्मी में।" अर्जुन ने कहा कि "गड्ढे से भरा हुआ पानी छान कर पीते हैं। सरपंच को समस्या बताने पर कहा गया था कि आठ दिनों में मशीन आएगा, लेकिन मशीन अभी तक आया नहीं है।" पानी की अव्यवस्था को लेकर पूरे देश से इस तरह की तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। ऐसी तेज गर्मी में पानी की किल्लत को दूर किया जाना चाहिए। आज भी पानी को लेकर ऐसी तस्वीरों का सामने आना दुर्भाग्यपूर्ण है।