कोरोना : दिग्विजय सिंह ने शिवराज को दिए 15 सुझाव

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोरोना से उत्‍पन्‍न संकट से निपटने के लिए 15 सुझाव दिए हैं।

Publish: Apr 11, 2020, 08:51 AM IST

shivraj singh chouhan and digvijay singh
shivraj singh chouhan and digvijay singh

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोरोना से उत्‍पन्‍न संकट से निपटने के लिए 15 सुझाव दिए हैं। मुख्‍यमंत्री चौहान ने शुक्रवार सुबह सिंह से बात कर उनसे मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिये सुझाव मांगे थे।

पूर्व मुख्‍यमंत्री सिंह ने शिवराज को भेज सुझावों में कहा है कि मैं समझता हूं कि इस कठिन वक्त में जनता को जहां एक ओर महामारी से बचाना है वहीं डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों/ कर्मचारियों और सफाईकर्मियों की भी हमें रक्षा करनी है। लॉकडाउन की वजह से आम जनता को कम से कम असुविधा हो यह भी सुनिश्चित करना है और आर्थिक गतिविधियां भी ठप्प ना पड़ें इसका भी ध्यान रखना है।

दिग्विजय सिंह के 15 सुझाव

(1) मुझे जानकारी मिल रही है कि मध्य प्रदेश में डॉक्टरों के पास निजी सुरक्षा उपकरण (पी.पी.ई.), मास्क तथा दस्ताने पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इनके अभाव में राज्य में काम कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों में कोराना पॉजिटिव की संख्या अन्य प्रान्तों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रही है। कोराना संक्रमित मरीजों या संदिग्धों के संपर्क में आने वाले डाॅक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिये उत्कृष्ट गुणवत्ता के पी.पी.ई., मास्क और दस्ताने पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

(2) मुझे प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में अभी तक कोविड-19 के 411 मामलों में से 33 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यह मृत्युदर 8 प्रतिशत है जो कि  देश में सर्वाधिक है और हमारे लिये खतरे की घंटी भी है। मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य में अभी भी टेस्टिंग किट की बेहद कमी है जिसकी वजह से कोरोना संक्रमित लोगों की वास्तविक संख्या सामने नहीं आ पा रही है। क्या ये बेहतर नहीं होगा कि राज्य सरकार प्रतिदिन जांच की संख्या बढ़ाएं?

मुझे ये जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ने ROCHE कंपनी द्वारा निर्मित Cobas 6800 आधुनिक जांच मशीनें खरीदी हैं, जिससे एक दिन में 1000 से ज्यादा लोगों की जांच संभव है। हमें भी अपने राज्य में जांच में तेज़ी लाने के लिए इस तरह की कम से कम दो मशीनें मंगाई जानी चाहिए और केंद्र सरकार से इसमें मदद लेनी चाहिए।

(3) हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी डॉक्टरों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को आगामी तीन माह तक दोगुना वेतन दिया जाएगा। मध्य प्रदेश में भी कोविड-19 से लड़ रहे उक्त सभी स्वास्थ्यकर्मियों को हरियाणा की तर्ज पर तीन माह तक दोगुना वेतन दिया जाना चाहिए।

(4) मैंने दिनांक 3 अप्रैल 2020 को माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों की तरह ही फील्ड में काम कर रहे सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पुलिसकर्मियों को 50 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने का अनुरोध किया था। मध्यप्रदेश सरकार को भी मेरे इस सुझाव पर गौर करना चाहिये।

(5) मैंने आपको दिनांक 4 अप्रैल 2020 को पत्र लिखकर स्कूलों और आॉंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को वितरित किये जाने वाले मध्यान्ह भोजन के बदले उनके परिवार को सूखा राशन उपलब्ध कराये जाने की मांग की थी। आपने मुझे दूरभाष पर बताया कि उन बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में मध्यान्ह भोजन की राशि जमा की जा रही है। लेकिन लाॅकडाउन के कारण न तो लोग घरों से बाहर निकल पा रहे है और ना ही बाजार में राशन खरीदने का विकल्प है।ऐसी स्थिति में बच्चों के अभिभावकों के खातों में मध्यान्ह भोजन के पैसे जमा करने से लक्ष्य पूरा नही होगा। मेरा आपसे पुनः आग्रह है कि इन बच्चों के परिवारों तक सूखा राशन पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

(6) कमलनाथ जी के नेतृत्व में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा उन सभी गरीबों को राशन/आटा बांटने का निर्णय लिया गया था जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। वर्तमान हालातों के मद्देनजर उन सभी गैर राशन कार्डधारी गरीबों तक राशन पंहुच सके इसके लिये पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय का पालन किया जाना चाहिए।

(7) मध्य प्रदेश के अनेक मजदूर व सामान्य लोग जो अन्य प्रान्तों/देशों में फंसे हुए हैं उन सभी प्रान्तों के मुख्यमंत्रियों तथा उन देशों के दूतावासों से संपर्क करके राज्य के लोगों के भोजन और ठहरने की व्यवस्था की जानी चाहिए और संभव हो तो उन्हें वापस लाने की व्यवस्था भी की जाए। जिसका खर्च राज्य सरकार वहन करे।

(8) मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में काम के लिए आए ग्रामीण/ स्थानीय मजदूर लॉकडाउन में फंस गए हैं। सरकार उन सभी मजदूरों के ठहरने की और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करे।

(9) मैंने आपको 7 अप्रैल 2020 को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि पूर्ववर्ती सरकार के मंत्रियों की निजी स्थापना में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवाएं 20 मार्च को समाप्त हो गई हैं और उनका वेतन बंद हो गया है। वर्तमान हालात में ये सभी लोग ना तो बाहर नौकरी कर सकते हैं और ना ही उनके पास पूर्ववर्ती काम बचा है। मेरा आपसे आग्रह है कि सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मानवीय आधार पर मार्च, अप्रैल एवं मई 2020 का पूरा वेतन दिया जाए।

(10) सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति में अनेक स्थानों पर दूध, सब्जी की आपूर्ति को भी पूर्णरूप से बंद कर दिया है। भोपाल, इन्दौर और उज्जैन जैसे शहरों में लोगों को दूध, सब्जी की किल्लत पेश आ रही है। मेरा सुझाव है कि दूध और सब्जी की सप्लाई चेन को अनिवार्य रूप से चालू रखना चाहिए।

(11) लोगों को राशन उपलब्ध हो सके इसलिये पूर्ण लॉकडाउन के वक्त भी कम से कम एक किराने की दुकान हर मोहल्ले में खुली होनी चाहिए। ग्राहकों को नियंत्रित करने और दुकान पर भीड़ जमा होने से रोकने के लिये मकान नम्बर के हिसाब से दुकान पर जाने का दिन और समय सुनिश्चित किया जाना चाहिए। घर पर टोकन पंहुचाकर किराने के सामान की आपूर्ति भी की जा सकती है।

(12) शहरी क्षेत्रों में अनेक सुपर मार्केट और किराना व्यापारी ऑनलाइन ऑर्डर पर सप्लाई करते हैं। लेकिन वर्तमान में सुपर मार्केट और किराना व्यापारियों की सप्लाई चेन बंद हो गई है।ऑनलाइन ऑर्डर पर वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। क्या इसे पुन: शुरू नहीं किया जा सकता?

(13) डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पुलिस दुर्व्यवहार के कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में एम्स में दो डॉक्टरों की पुलिस ने पिटाई की है उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।इस समय जब देश संकट से गुजर रहा है, जान जोखिम में डालकर काम कर रहे मेडिकल प्रोफेशनल्स की ना सिर्फ रक्षा की जानी चाहिए, बल्कि पुलिस विभाग को हिदायत भी देनी चाहिए कि वो ड्यूटी के दौरान संयम रखें तथा किसी के भी साथ अमानवीय व्यवहार न करें।

यहां मैं यह भी स्वीकार करूँगा कि पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मी भी बेहद मुश्किल वातावरण में अच्छा कार्य कर रहे हैं लेकिन ऐसी घटनाएं पुलिस की छवि को धूमिल करते हैं।

(14) मध्य प्रदेश में गेंहू/ चना आदि की फसल तैयार हो गई है। किसानों की फसल खरीदी की व्यवस्था तत्काल होनी चाहिए। मेरा यह भी सुझाव है कि वर्तमान हालातों को देखते हुए किसानों को उनकी फसल का मूल्य नकद राशि के रूप में ही दिया जाना चाहिए। संकट की इस घड़ी में लोगों का बैंक से पैसा निकालना बड़ी चुनौती है। इसके अलावा सरकार के सुझाए सोशल डिस्टेंसिंग का भी उन्हें पालन करना है।

(15) जिन किसानों की पड़ोस के जिले में खेती है वे अपनी खड़ी हुई/कटी हुई फसलों को देखने के लिये भी अपने खेतों पर नहीं जा पा रहे हैं। मेरा सुझाव है कि उस परिवार के एक व्यक्ति को पर्याप्त जांच के बाद और संतुष्ट होने के बाद अपने खेत या खलिहान तक जाने की अनुमति प्रदान की जाए।