विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक उन्माद भड़का रही RSS को कामयाब नहीं होने देंगे: दिग्विजय सिंह 

सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन में विपक्षी दलों ने सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव, कई दलों के नेता हुए शामिल, RSS पर बरसे दिग्विजय सिंह, मोहन भागवत को दी बहस की चुनौती

Updated: Sep 08, 2021, 08:55 AM IST

इंदौर। कांग्रेस के दिग्गज नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को खुली बहस की चुनौती दी है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि आरएसएस भाइयों को लड़वाने का काम कर रही है। सिंह ने कहा है की RSS से जुड़े लोग मॉब लिंचिंग एवं सांप्रदायिक उन्माद भड़का कर लोगों का ध्यान महंगाई और बीजेपी सरकार की विफलताओं से हटाकर हिंदू-मुस्लिम विवाद पर केंद्रित करना चाहते हैं।

दरअसल, मध्य प्रदेश के इंदौर में मंगलवार को विपक्षी दलों व कई सामाजिक संगठनों ने सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन का आयोजन किया था। आयोजन का लक्ष्य समाज मे आपसी बंधुत्व को बढ़ावा देना था। इस दौरान सांप्रदायिक उन्माद भड़काने के प्रयासों के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाने का संकल्प पारित किया गया। कार्यक्रम में कांग्रेस के अलावा माकपा, भाकपा, आम आदमी पार्टी सोशलिस्ट पार्टी तथा इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस व अन्य सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल थे।

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सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम आरएसएस की कोशिशों को कामयाब नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, 'BJP और RSS का एकमात्र एजेंडा है, फूट डालो और राज करो। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जिस तरह नदियां अलग-अलग बहती हैं और आखिरकार समुद्र में जाकर शामिल हो जाती हैं। उसी तरह अनेक धर्म और सम्प्रदाय हैं, उनके रास्ते अलग हो सकते हैं लेकिन सबका लक्ष्य एक है। लेकिन संघ के लोग स्वामी विवेकानंद के विचारों को भी इस तरह तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं, की आप अंदाजा नहीं लगा सकते।'

सिंह ने संघ प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा, 'एक ओर मोहन भागवत कहते हैं देश में हिंदू-मुस्लिम सबका डीएनए एक है और दूसरी ओर उनके कार्यकर्ता अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करते हैं। अगर दोनों धर्म के लोगों का डीएनए एक है तो लव जिहाद की क्या जरूरत है?' उन्होंने इस दौरान AIMIM चीफ असद्दुदीन ओवैसी को बीजेपी का B टीम करार दिया। साथ ही यह भी कहा कि मैं रामदेव और ओवैसी जैसे लोगों के मानहानि के दावों से नहीं डरता हूं। क्योंकि मैं सारी बातें प्रमाण के साथ कहता हूं।

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिनी अली ने प्रशासन की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस सांप्रदायिक भाषणों और हरकतों पर न केवल मूकदर्शक बनी रहती है, बल्कि बेहद पक्षपातपूर्ण कार्रवाई भी कर रही है। उन्होंने इसे प्रजातंत्र के लिए बेहद खतरनाक करार दिया। सम्मेलन को पूर्व सांसद कल्याण जैन, अरुण चौहान, सीएल सर्रावत, पीयूष जोशी, रूद्र पाल यादव, सोहनलाल शिंदे, लक्ष्मी नारायण पाठक व यूनुस कुरैशी ने भी संबोधित किया।