दिग्विजय सिंह ने लाल दरवाज़ा तोड़ने का किया विरोध, पीएम मोदी और सीएम शिवराज को लिखी चिट्ठी

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की माँग, ‘9वीं इन्फेंट्री भोपाल’ के शहीदों की याद में बने लाल दरवाजे को तोड़ने की बजाय इसे फ्रांस में बने वॉर मेमोरियल की तरह संरक्षित किया जाना चाहिए

Updated: Feb 07, 2021, 01:30 AM IST

Photo Courtesy: The Print
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भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भोपाल के एतिहासिक लाल दरवाज़े को तोड़ने की कार्रवाई पर फ़ौरन रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐतिहासिक लाल दरवाज़े को ‘9वीं इन्फेंट्री भोपाल’ के शहीद सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक के तौर पर बनाया गया है। लिहाज़ा इसे तोड़ने की बजाय संरक्षित किया जाना चाहिए।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम अपने पत्र में लिखा है, “भोपाल के इस सौ साल पुराने युद्ध स्मारक को संरक्षित एवं सुसज्जित करने के लिए राज्य पुरातत्व विभाग या भारतीय पुरातत्व विभाग को सौंप देना चाहिए। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप तत्काल हस्तक्षेप करते हुए ‘9वीं इन्फेंट्री भोपाल’ के शहीदों की याद में बने प्रथम स्मारक रूपी एतिहासिक लाल दरवाज़े को तोड़े जाने की कार्रवाई को तत्काल रोके जाने के निर्देश मध्य प्रदेश शासन को देने का कष्ट करें।”

दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में बताया है कि भारतीय फ़ौज की ‘9वीं इन्फेंट्री भोपाल’ के 984 सैनिकों ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ़्रांस, जर्मनी, मिस्र समेत कई मोर्चों पर तैनात होकर अपनी वीरता का परिचय दिया था। इन्हीं सैनिकों की याद में फतेहगढ़ क़िले के भीतर एक लाल दरवाज़ा बनवाया गया था। इनमें से 36 सैनिक युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे, जिन्हें 1916 में विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था। दिग्विजय सिंह ने पत्र में यह भी बताया है कि इस दरवाज़े पर तमाम वीर सैनिकों के शौर्य का वर्णन करने वाला शिलालेख भी मौजूद है। उन्होंने सरकार से कहा है कि लाल दरवाज़ा भी उसी तरह का एक स्मारक है, जैसा प्रथम विश्व युद्ध में शामिल 90 हज़ार सैनिकों की स्मृति में बनवाया गया इंडिया गेट।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर हैरानी ज़ाहिर की है कि राज्य की बीजेपी सरकार विकास की अंधी दौड़ में इतिहास को दफ़्न करने से भी गुरेज़ नहीं कर रही है। पहले तो इस स्मारक से सटाकर एक अस्पताल बनाया गया और अब 1400 बिस्तरों वाले उस अस्पताल में 70 बिस्तर और बढ़ाने के लिए लाल दरवाज़े जैसे ऐतिहासिक स्थल को तोड़ने की गलती की जा रही है। दिग्विजय सिंह ने इस बात पर हैरानी ज़ाहिर की है कि सौ साल से ज़्यादा पुरानी इतिहास की इस धरोहर को संरक्षित करने की जगह उसे मिटाने का काम किया जा रहा है।

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी को याद दिलाया है कि उन्होंने 2015 में फ़्रांस के दौरे के समय न्यूवे चैपल इंडियन मेमोरियल जाकर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी थी। दिग्विजय सिंह ने बताया है कि फ़्रांस के इस स्मारक में भी भोपाल की 9वीं इन्फ्रेंट्री के जवानों के नाम दर्ज हैं। उन्होंने सवाल किया है कि जिन भारतीय सैनिकों को याद रखने के लिए फ़्रांस ने मेमोरियल बनाया है, उनसे जुड़े स्मारक को अगर भारत में ख़त्म कर दिया जाता है, तो यह कितनी बड़ी विडंबना होगी। दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि ऐसा करने की जगह हमें भी फ़्रांस में बने वॉर मेमोरियल की तरह ही भोपाल के सौ साल पुराने युद्ध स्मारक को भी संरक्षित करना चाहिए।