जबलपुर में रिटायर्ड जनपद पंचायत CEO के यहां छापा, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

जबलपुर में EOW का छापा, रिटायर्ड अफसर के यहां मिला आधा किलो सोना, बेशकीमती 4 मकान, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, कुल से आय से 85 लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति उजागर

Updated: Oct 21, 2021, 03:24 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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जबलपुर। EOW ने आय से अधिक संपत्ति मामले में रिटायर्ड जिला पंचायत CEO के यहां छापा मार कार्रवाई की है। गुरुवार सुबह से कार्रवाई शुरू हुई और देर तक चलती रही। शुरुआती दौर में आरोपी रिटायर्ड अफसर के यहां से करीब 85 लाख की संपत्ति का खुलासा हुआ है। रिटायर्ड अफसर के यहां से आय से करीब 716 फीसदी ज्यादा संपत्ति का ब्यौरा मिला है। यह सारी संपत्ति जनपद पंचायत CEO बनने के बाद बनाई गई है। आरोपी के 4 आलीशान मकान, शॉपिंग काम्पलेक्स, लग्जरी गाड़ी और आधा किलो सोना समेत बड़ी मात्रा में कैश बरामद हुआ है।

आय से अधिक संपत्ति के आरोपी नागेंद्र यादव ने 1990 में सरकारी नौकरी की शुरूआत की थी। उन्हें आदिम जाति कल्याण विभाग मंडला में मंडल संयोजक का पद मिला था। जिसके बाद 2005 से वह प्रतिनियुक्ति पर चला गया। आरोपी ने जनपद पंचायत घुघरी, जिला मंडला, जनपद पंचायत घंसौर, जिला सिवनी और उसके बाद शहडोल में जनपद पंचायत के CEO के तौर पर काम किया है।

रिटायर्ड अफसर के खिलाफ मिली शिकायत में बताया गया है कि अपने सर्विस पीरिएड में इन्होंने कुल 11,91,807  रुपए कमाए। जबकि अफसर ने 97,30,181 रुपये की संपत्ति अर्जित की, जो कि इनकी कुल आय से 85 लाख 38 हजार 374 रुपये ज्यादा है। आरोपी CEO के खिलाफ सेवा काल में ही भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थी। जिसकी जांच करीब 11 साल चली अब रिटायर होने के बाद छापा मार कार्रवाई की गई है। EOW से मिली जानकारी के अनुसार रिटायर्ड अफसर के जबलपुर, मंडला और भोपाल में चार आलीशान मकान के पेपर्स मिले हैं। मंडला में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स है। घर से आधा किलो सोने के गहने, स्कॉर्पियो गाड़ी और एक स्कूटी मिली। वहीं पत्नी और बेटी के नाम मंडला में प्लाट और खेती योग्य जमीन के कागज भी मिले है। EOW को कई बैंकों के लॉकर्स और खातों का भी पता चला है। आरोपी के 4 बड़े मकान होने के बाद भी वह किराए के मकान में रहता है। बताया जा रहा है कि जो घर उसने किराए पर दे रखा था। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो मामले की बारीकी से पड़ताल में जुटा है।