MP के पांच हजार गांवों के किसान करेंगे आंदोलन, सोयाबीन का वाजिब दाम नहीं मिलने से आक्रोश
मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर किसान महाआंदोलन की तैयारी, 200 किसान नेताओं की अगुवाई में पांच हजार गांवों के किसान हुए एकजुट, एक सितंबर को पंचायतों में देंगे ज्ञापन
भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन पीला सोने के नाम से जाना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा बन गई है। सरकार की गलत नीतियों के कारण सोयाबीन उत्पादक किसानों को काफी निराश होना पड़ रहा है। आलम यह है कि 12 वर्षों पहले सोयाबीन जिस भाव से बिक रहा था आज उससे भी कम भाव चल रहे हैं। इसे लेकर किसानों में भयंकर आक्रोश है और यह महाआंदोलन का रूप लेता नजर आ रहा है।
दरअसल, सोयाबीन का रेट 6000 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग तेज हो गई है। प्रदेशभर के किसानों ने सोशल मीडिया पर इसके लिए मुहिम छेड़ दिया है। इतना ही नहीं 1 सितंबर को इसे लेकर औपचारिक आंदोलन की शुरुआत होने वाला है। इस आंदोलन के लिए प्रदेशभर के विभिन्न संगठनों के करीब 2000 किसान नेता एकसाथ आए हैं। राज्य के करीब पांच हजार गांवों के किसान एकसाथ इस आंदोलन को शुरू करने जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक ये विभिन्न जिलों और तहसीलों के सक्रिय 200 किसान नेता गांव-गांव जाकर सोयाबीन उत्पादक किसानों से मुलाकात कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। इतना ही नहीं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए किसान नेता सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स के भी संपर्क में हैं। रील बनाने वाले इनफ्लुएंसर्स भी किसानों के इस मांग को लेकर सक्रिय हो गए हैं।
बताया जा रहा है कि एक सितम्बर से सात सितंबर तक सभी किसान अपने गांवों में ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे। यह ज्ञापन वे पंचायत ऑफिस में सचिव को सौंपेंगे। इसके बाद अगले चरण में वे पंचायत दफ्तरों और कृषि उपज मंडियों में तालाबंदी करेंगे। इसके बाद भी यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इन पांच हजार गांवों के किसान एकसाथ सड़क पर उतर सकते हैं। इसे लेकर किसान नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी है।
आंदोलन के अंतिम पड़ाव में किसान प्रदेश के सभी शहरों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का भी ऐलान कर सकते हैं। किसान नेता ट्रांसपोर्टर्स के संपर्क में भी हैं और आंदोलन के दौरान सप्लाई चेन भी ठप हो सकता है। मालवा के हजारों किसान सितंबर माह के आखिरी हफ्ते अथवा अक्टूबर में इंदौर और फिर भोपाल कूच कर सकते हैं। खास बात ये है कि इस आंदोलन को आरएसएस से जुड़ा किसान संगठन "भारतीय किसान संघ" (BKS) का भी समर्थन प्राप्त है। इतना ही नहीं भारतीय किसान संघ द्वारा प्रदर्शन का भी कॉल दिया गया है। बीकेएस 16 सितंबर को राज्य के सभी जिलों में प्रदर्शन करेगी।
किसान नेता केदार सिरोही ने बताया कि 12 वर्ष पहले सोयाबीन जिस भाव से बिक रहा था आज उससे भी कम भाव चल रहे हैं। पिछले साल सोयाबीन की MRP 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल थी। इस बार 3500 से 4000 तक आ गया है। MSP 4892 रुपए है लेकिन मंडियों में भी सोयाबीन समर्थन मूल्य से भी नीचे बिक रहा है। इसलिए राज्यभर के किसानों आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर हैं।