सांवेर में फल विक्रेता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, घर तोड़ने की नोटिस से था परेशान
50 वर्षीय हरीश ललावत फल बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। प्रशासन ने पड़ोसी के बदले उनके घर के बाहर डिमोलिशन का नोटिस चिपका दिया था, इसी वजह से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।

सांवेर। मध्य प्रदेश के सांवेर में हरीश ललावत नामक एक 50 वर्षीय फल विक्रेता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वे घर तोड़े जाने की नोटिस से परेशान थे। दरअसल, प्रशासन ने गलती से पड़ोसी के बदले उनके घर के बाहर डिमोलिशन का नोटिस चिपका दिया था। वे इस बात से इतने डर गए कि उन्होंने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
दरअसल, सांवेर में बीते दिनों एक रिक्शा चालक की हत्या हो गई थी। इस मामले में रितेश व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। रिक्शाचालक के परिजनों ने शव रखकर चक्काजाम कर दिया था। वे आरोपियों के घर तोडऩे की भी मांग कर रहे थे। मामले में अधिकारियों ने आरोपियों का घर तोड़ऩे का आश्वासन भी दिया था।
#INDORE #DEMOLITION
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) January 24, 2023
Harish Lalawat (50), a vegetable vendor, RSS sympathiser, ends life after Municipality office "mistakenly" affixed a demolition notice at his home rather than of his neighbours.
His 4 neighbours, accused of killing a 52-YO man, were served the notices.
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बताया जा रहा है कि मुख्य फल विक्रेता हरीश ललावत मर्डर केस के मुख्य आरोपी रितेश के चाचा थे। दोनों का घर आपस में सटा हुआ था और छत भी एक ही था। प्रशासनिक अधिकारी बीते दिन जब घर तोड़ने संबंधी नोटिस देने आए तो उन्होंने रितेश के जगह हरीश के घर नोटिस चिपका दिया। ऐसे में हरीश इस बात को लेकर काफी भयभीत हो गए की उनका भी घर तोड़ दिया जाएगा। वह अधिकारियों के पास भी गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हरीश की बेटी ने बताया कि वे इसके बाद से अवसाद में चले गए थे। उन्हें टिआई ने अलग ले जाकर धमकी भी दी थी। इसके बाद वे अचानक लापता हो गए। काफी खोजबीन के बाद उनका शव रविवार को खेत में फंदे से लटका हुआ मिला। जानकारी के मुताबिक यहां से एक सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि, हरीश की बेटी को हत्या की आशंका है।
Harish's eldest son Aakash, associated with RSS' #Sewa_Bharti since 2009 said, "His father died for nothing. Who is to be blamed, Municipality, officials, villagers or Police?"
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) January 24, 2023
"When I sought help from RSS office bearers, they turned back in the time of despair," he alleged.
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हरीश के बेटे आकाश ने बताया कि रिक्शाचालक के हत्या से उनका कोई लेनादेना नहीं है। पड़ोसियों का नाम हत्याकांड में शामिल था। लेकिन घर पर नोटिस लगने से वह परेशान हो गए। आकाश साल 2009 से ही आरएसएस की सेवा भारती संस्था से जुड़ा हुआ है। आकाश के मुताबिक उसने आरएसएस के पदाधिकारियों से भी मदद मांगी थी। लेकिन कठिन समय में उन्होंने भी मुंह फेर लिया।