ग्वालियर में पूर्व सैनिकों ने रोका महाराज का काफिला, सिंधिया वापस जाओ के लगाए नारे
एकदिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे थे ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व सैनिकों ने रोका काफिला, वापस जाओ के लगाए नारे, गाड़ी से बाहर निकलने को मजबूर हुए महाराज
ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद सिंधिया का अपने गृहक्षेत्र ग्वालियर आना दूभर हो गया है। सिंधिया जब भी ग्वालियर आते हैं उन्हें विरोध का सामना करना पड़ता है। शनिवार को भी सिंधिया जब एकदिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस बार विरोध करने वाले पूर्व सैनिक थे। मजबूरन सिंधिया को वाहन से उतरकर नीचे आना पड़ा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को सिंधिया जैसे ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन से बाहर निकले उनके काफिले को सैंकड़ों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों ने घेर लिया। इस दौरान पूर्व सैनिक "सिंधिया वापस जाओ" और "भारतीय सेना जिंदाबाद" के नारे लगा रहे थे। सिंधिया के सुरक्षा में मौजूद पुलिसकर्मियों ने रास्ता खाली करने की तमाम कोशिशें की लेकिन वे असफल रहे।
ग्वालियर में पूर्व सैनिकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का काफिला रोका, गो बैक के नारे लगाए, सिंधिया गाड़ी से उतरे, पीड़ितों से बात की, मदद का भरोसा दिया, अक्सर नेता भीड़ से मुंह छिपा लेते हैं, समस्या का सामना करना और समाधान का प्रयास करना @JM_Scindia को बाकी नेताओं से अलग बनाता है। pic.twitter.com/sgCEraB0T1
— Makarand Kale (@makarandkale) April 10, 2022
चूंकि, इस बार प्रदर्शनकारी कोई राजनीतिक दल अथवा युवा नहीं बल्कि पूर्व सैनिक थे, इसलिए पुलिस लाठीचार्ज से भी कतरा रही थी। मामला बिगड़ता देख सिंधिया वाहन से नीचे उतर गए। फिर उन्होंने पूर्व सैनिकों की मांगें सुनी और उन्हें पूरा करने का आश्वासन दिया। सिंधिया के आश्वासन के बाद ही उनके काफिले को आगे जाने दिया।
प्रदर्शनकारी पूर्व सैनिकों ने बताया कि आरक्षक भर्ती में पूर्व सैनिकों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाना था। लेकिन प्रदेश सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया को खत्म करते हुए पूर्व सैनिकों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया। पूर्व सैनिकों के मुताबिक साल 1999 से उन्हें आरक्षण का लाभ मिल रहा था, लेकिन अब बीजेपी सरकार ने इसपर रोक लगा दी है। सैन्यकर्मी इस फैसले के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।