हाईकोर्ट ने C और D ग्रेड के कर्मचारियों के हित में लिया बड़ा फैसला, अब रिटायरमेंट के बाद नहीं हो सकेगी रिकवरी

अब शासकीय सेवा में लंबी सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत हुए तृतीय (C) और चतुर्थ (D) श्रेणी कर्मचारियों से रिटायरमेंट के बाद रिकवरी नहीं की जा जाएगी।

Updated: Jan 04, 2024, 10:51 AM IST

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले को उदाहरण की तरह मानते हुए एक बड़ा फैसला किया हैं। इसके तहत अब शासकीय सेवा में लंबी सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत हुए तृतीय (C) और चतुर्थ (D) श्रेणी कर्मचारियों से रिटायरमेंट के बाद रिकवरी नहीं की जा जाएगी। 

इसके लिए जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ में एक शासकीय सेवा से रिटायर्ड ड्राइवर ने अपील की थी कि उसकी सेवा निवृत्ति के बाद सरकार की ओर से रिकवरी की जा रही है, जो नियम विरुद्ध है। उच्च न्यायालय ने ड्राइवर की याचिका को उचित मानते हुए रिकवरी आदेश निरस्त कर दिया। 

दरअसल याचिकाकर्ता छिंदवाड़ा निवासी रमेश खुरसांगे नगर पालिका परिषद मैहर से ड्राइवर के पद से सेवानिवृत्त हुए है। उनके रिटायरमेंट के बाद विभाग ने गलत वेतन गणना का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता पर 84 हजार 775 रुपए की रिकवरी निकाल दी। विभाग का यह मानना था कि यह रकम ड्राइवर को अतिरिक्त दी गई है, जो अब उस से वापस ली जानी चाहिए। यह रिकवरी जुलाई 2007 से सेवानिवृत्ति तक की निकाली गई थी, जिसका सेवानिवृत ड्राइवर ने विरोध किया था। लेकिन नगर पालिका प्रशासन अपने फैसले पर अड़ा रहा। इसके बाद ड्राइवर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर राशि की रिकवरी पर रोक लगाने की मांग की थी। 

जिसके बाद याचिकाकर्ता रमेश खुरसांगे की ओर से अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा और शिवम शर्मा ने कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि विभाग में प्रत्येक वर्ष ऑडिट होता है, ऐसे में संबंधित अधिकारी यह नहीं बता पा रही है कि कैसे वेतन गणना में गलती हुई है। दोनों वकीलों की ओर से यह दलील भी दी गई सुप्रीम कोर्ट ने थॉमस डेनियल के मामले में यह प्रावधान दिया है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों से रिकवरी नहीं की जा सकती, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए रिटायर्ड ड्राइवर को देनदारी से मुक्त कर दिया।