सिंधिया को बधाई देते समय रोने लगीं इमरती देवी, लोगों ने कहा, गद्दार से वफादारी करने पर सिर्फ आंसू ही मिलते हैं

इमरती देवी कमल नाथ सरकार में डबरा से विधायक और मंत्री भी थीं, लेकिन सिंधिया के फरमान पर विधायकी और मंत्री पद छोड़ना इमरती देवी को भारी पड़ गया

Updated: Sep 24, 2021, 12:52 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल। बुधवार को बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को जब कांग्रेस से गद्दारी करने के लिए उपहार स्वरूप मंत्री पद मिला, तब अगले ही दिन डबरा सीट की पूर्व विधायक इमरती देवी अपने राजनीतिक गुरू को बधाई देने दिल्ली पहुंच गईं। इमरती देवी और सिंधिया के बीच उनके दिल्ली दफ्तर में मुलाकात हुई। 

इमरती देवी सिंधिया को बधाई देते देते भावुक हो उठीं। इमरती को रोता देख सिंधिया से भी नहीं देखा गया, और उन्होंने इमरती को गले लगा लिया। सिंधिया ने इमरती से कहा कि वे शुक्रवार शाम या देर रात ग्वालियर पहुंच सकते हैं। 

उधर सिंधिया और इमरती देवी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सिंधिया को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल भी किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स सिंधिया को ट्रोल करते हुए कह रहे हैं कि कम से कम सिंधिया को वफादारी अपने वफादारों से ही सीख लेनी चाहिए थी, जो खुद विधायकी जाने के बावजूद सिंधिया के मंत्री बनने पर भावुक हो रही हैं। वहीं इमरती देवी को लेकर लोग कह रहे हैं कि गद्दार से वफादारी का परिणाम सिर्फ आंसू ही होते हैं।

इमरती देवी उन्हीं विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने सिंधिया के केंद्रीय मंत्री बनने की अभिलाषा को पूरा करने के लिए कमल नाथ सरकार में मंत्री पद के साथ साथ अपनी विधायकी तक का त्याग कर दिया। उसके बाद हुए उपचुनाव में मंत्री पद और विधायकी त्यागने वाले ज्यादातर नेता तो जीत गए, लेकिन खुद इमरती देवी चुनाव हार गईं।