इंदौर में फर्जी डिग्री बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 30 हजार से 1 लाख रुपए तक में बेचते थे डिग्री
आरोपियों ने मध्य प्रदेश सहित जिन राज्यों की यूनिवर्सिटी की डिग्री बनायीं हैं उनमें से अधिकतर भाजपा नेताओं से जुड़े हुए कॉलेज हैं।
इंदौर। इंदौर पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी सदस्यों से पुलिस पूछताछ कर रही है। आरोपी दिनेश तिरोले और मनीष दोनों मिलकर फर्जी मार्कसीट बनाने का काम करते थे। डॉक्टर से लेकर अन्य कोर्सों की डिग्री बनाकर 30 हजार से 1 लाख रुपये में बेचते थे। पुलिस हिरासत में हुई पूछताछ में आरोपी दिनेश तिरोले ने बताया कि अबतक गिरोह ने एक हजार से ज्यादा मार्कसीट बनाकर दे चुका है।
आरोपी दिनेश ने कबूल किया कि उसने 10th, 12th और डी-फार्मा बी-फार्मा सहित डॉक्टर की डिग्री बनाकर लोगों की दी हैं। मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान सहित कई राज्यों की यूनिवर्सिटी के नाम से दिनेश और उसके गिरोह ने मार्कसीट बनाकर बेच रहे थे। डीसीपी अभिषेक आनंद के अनुसार पूनम कॉलोनी इंदौर निवासी आशीष श्रीवास्तव की शिकायत पर दिनेश की गिरफ्तारी हुई, इसके बाद ही गिरोह के अन्य लोगों के नाम सामने आए।
आरोपियों ने मध्य प्रदेश सहित जिन राज्यों की यूनिवर्सिटी की डिग्री बनायीं हैं उनमें से अधिकतर भाजपा नेताओं से जुड़े हुए कॉलेज हैं। हालांकि पुलिस ने सीधे तौर पर इस मामले में किसी भी नेता के शामिल होने से इनकार किया है। पुलिस द्वारा जब्त मार्कसीट दिखाकर जब कॉलेज से पूछताछ की गई तो कॉलेजों ने अपनी डिग्री होने से साफ इनकार कर दिया।
दिनेश से पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने गिरोह के अन्य लोगों के नाम भी बताए। मनीष, दिनेश सहित अबतक 5 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। यह कई कॉलेजों की मार्कसीट की कॉपी करके बेच चुके हैं। इंटरनेट की मदद से डिग्री की हुबहू कॉपी बनाकर लोगों दे देते थे। डिग्री और मार्कशीट में एवरेज नंबर देते थे ताकि किसी को शक न हो। अनपढ़ लोगों तक को इस गिरोह ने डिग्रियां बेची हैं। पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही।