पेंडिंग मामलों के निपटारे के लिए MPHC बार एसोसिएशन ने आधा घंटे समय बढ़ाने पर जताई सहमति
कोर्ट का काम प्रतिदिन आधा घंटे बढ़ाने से वर्ष में 19 वर्किंग डे की होगी बढ़ोतरी, मुख्य न्यायाधीश ने 1 घंटा समय बढ़ाने का दिया था सुझाव

जबलपुर। देशभर के न्यायालयों में लाखों मामले लंबित होते हैं। लंबित मामलों के निपटारे के लिए अब कोर्ट की दैनिक कार्य अवधि बढ़ाने की पहल हो रही है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने दैनिक कार्य अवधि को आधा घंटा बढ़ाने पर सहमति जताई है।
बीते 22 नवंबर को हुई बार एसोसिएशन की बैठक के दौरान सर्वसम्मति से आधा घंटा समय बढ़ाने को लेकर रेजोल्यूशन पास किया गया है। बार एसोसिएशन ने इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को पत्र लिखकर कहा है कि कोर्ट का समय सुबह 15 मिनट बढ़ाने यानी 10.30 बजे के बजाए 10.15 बजे और लंच के समय में कटौती कर दोपहर 2.30 बजे के बजाए 2.15 बजे कार्यवाही शुरू की जा सकती है। इससे वार्षिक वर्किंग डे 210 दिन से बढ़कर 229 दिन हो जाएगा।
हाई कोर्ट यदि इस प्रस्ताव को मान लेता है तो सालाना 19 दिन की वृद्धि होगी। मामले पर बार एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव मेंबर योगेश सोनी ने बताया कि, 'लंबित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सभी कोर्ट को समयावधि बढ़ाने का सुझाव दिया था। जबलपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ ने बार काउंसिल को प्रतिदिन एक घंटे समय बढ़ाने को लेकर सुझाव मांगा था। हालांकि, बार एसोसिएशन की बैठक में एक घंटे के बजाए आधे घंटे ही समय बढ़ाने पर सहमति बैठी।' हालांकि, अंतिम फैसला मुख्य न्यायाधीश को ही लेना है।