MP में सड़कों पर उतरा जैन समाज, सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, कई शहरों में बाजार बंद

झारखंड के गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाए जाने को लेकर जैन समुदाय के लोगों में आक्रोश, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने झारखंड सीएम को लिखा पत्र।

Updated: Dec 21, 2022, 06:06 AM IST

भोपाल। झारखंड के गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाए जाने को लेकर मध्य प्रदेश के जैन समुदाय के लोगों में भारी आक्रोश है। जैन समुदाय के लोग प्रदेशभर में आज विरोध स्वरूप सड़कों पर हैं। राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, विदिशा, सागर, जबलपुर, खंडवा, होशंगाबाद समेत कई जिलों में बाजार बंद कर विशाल जुलूस निकाली गई है।

भोपाल में व्यापारी दोपहर 2 बजे तक दुकानें बंद रखेंगे। न्यू मार्केट, दस नंबर मार्केट, एमपी नगर, कोलार समेत पुराने शहर के ज्यादातर व्यापारियों ने दुकानें बंद रखने का फैसला लिया है। करोंद अनाज मंडी पूरे दिन बंद रहेगी। दोपहर में सकल जैन समाज मौन रैली भी निकालेगा। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि दोपहर तक बंद रखे जाने से अकेले भोपाल में ही करीब 100 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। 

भोपाल व्यवसायी महासंघ के राकेश अग्रवाल ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र तीर्थयात्रा के लिए होते हैं, जहां श्रद्धा भाव होता है। पर्यटन स्थल पर मनोरंजन का भाव रहता है। झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किया है, इसका विरोध कर रहे हैं। भोपाल ग्रेन एंड ऑयल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश कुमार ज्ञानचंदानी ने कहा कि सकल जैन समाज के प्रदर्शन को अनाज व्यापारियों का समर्थन है।

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भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने कहा कि दोपहर 2 बजे तक सभी प्रतिष्ठान बंद रखकर रैली में शामिल होंगे। वैश्य महासम्मेलन मध्यप्रदेश के संभाग अध्यक्ष सूर्यकांत गुप्ता एवं जिलाध्यक्ष वरुण गुप्ता ने कहा कि जैन समाज के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं। रैली में व्यापारी भी शामिल होंगे। उधर जैन अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारियों द्वारा इस मामले में कमिश्नर को ज्ञापन सौंपेंगे और कोर्ट में सफेद पट्टी बांधकर काम करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेटर लिखा है। कमलनाथ ने लिखा है कि सम्मेद शिखर जी से जैन समाज की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। सरकार के इस फैसले से तीर्थ स्थल की स्वतंत्र, धार्मिक पहचान और पवित्रता नष्ट होने की संभावना है। फैसले पर पुनर्विचार करते हुए निर्णय को वापस लें।

बता दें कि श्री सम्मेद शिखर जी जैन धर्म के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर भगवान और असंख्य महामुनिराजों ने इसी पवित्र भूमि से तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया है। झारखंड सरकार ने इसे टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। जैन समुदाय के लोग इसी का विरोध कर रहे हैं।