मप्र के मंत्री ने स्वास्थ्यकर्मियों का किया अपमान कहा, काम की ज़रूरत थी इसलिए आए, कोई जबरदस्ती थोड़ी ना लाया

मंत्री मोहन यादव के विवादित बयान पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के अपमान की कहानी नई नहीं है, चुटकी लेते हुए पूछा क्या सीएम अपने मंत्री पर FIR करेंगे

Updated: May 27, 2021, 12:31 PM IST

Photo courtesy: Navbharat times
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भोपाल। मध्यप्रदेश में इनदिनों संविदा स्वास्थ्यकर्मी और अस्थाई कोविड स्वास्थ्य कर्मियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल चल रही है। अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। अस्थाई कोविड स्वास्थ्यकर्मी संविदा नियुक्ति और नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। इसी बीच उज्जैन पहुंचे मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का विवादित बयान सामने आया है। उनका कहना है कि अस्थाई स्वास्थ्यकर्मियों को काम की जरूरत थी, जबरन थोड़ी काम पर लगाया है।

प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मोहन यादव के बयान की निंदा की है। इस बेतुके बयान को कोरोना योद्धाओं का अपमान बताया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘मध्यप्रदेश में कोरोना-योद्धाओं के अपमान की यह नई कहानी नहीं है’। इतना ही नहीं कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर चुटकी लेते हुए पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट मंत्री पर FIR करेंगे।

दरअसल इनदिनों बाबा रामदेव का डॉक्टरों पर दिया गया बयान भी सुर्खियों में हैं, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कई बार यह कह चुके हैं कि कोरोना योद्धाओं का अपमान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब उनके अपने मंत्री के इस विवादित बयान पर वे क्या एक्शन लेते हैं इस पर सबकी निगाह रहेगी।

दरअसल जब स्वास्थ्यकर्मियों ने उज्जैन दौरे पर पहुंचे मंत्री मोहन यादव से नियमितीकरण की मांग की तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को काम की जरुरत थी, किसी ने उन्हें जबरन तो कोरोना ड्यूटी में नहीं लगाया है। मंत्री के इस बिगड़े बोल पर अब स्वास्थ्यकर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा है। उनका कहना है कि वो जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों का इलाज करते हैं। ऐसे में हर पल कोरोना संक्रमण का खतरा रहता है। बावजूद इसके मंत्री जी का ऐसा बयान निंदनीय है। वहीं इस मामले में कांग्रेस ने भी शिवराज सरकार के मंत्री पर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट कर मंत्री पर कार्रवाई की मांग की है।

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प्रदेश समेत उज्जैन के चरक और माधव नगर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। यहां 25 मई से अस्थायी पैरा मेडिकल स्टाफ, आयुष विभाग, नर्सिंग स्टाफ, फार्मेसी विभाग के अस्थायी कर्मियों ने गुरुवार को लामबंद होकर संविदा नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए और काम बंद कर दिया है।