रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे थे जेके अस्पताल में काम करने वाले प्रेमी और प्रेमिका, रेमडेसिविर की जगह मरीजों को पानी इंजेक्ट करते थे दोनों

दोनों आरोपियों ने हाल ही में जेके अस्पताल के डॉक्टर शुभम पटेरिया को भी इंजेक्शन बेची थी, दोनों अस्पताल से इंजेक्शन चुरा लिया करते थे, और बाज़ार में इंजेक्शन को 20 से 30 हज़ार रुपए तक बेचते थे

Publish: Apr 24, 2021, 05:05 AM IST

Photo Courtesy: Patrika
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भोपाल। राजधानी के जेके अस्पताल में इंजेक्शन की कालाबजारी करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले कोई और नहीं बल्कि अस्पताल में ही काम करने वाले प्रेमी जोड़े हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक जेके अस्पताल में काम करने वाले दो नर्स अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी कर लेते थे और बाज़ार में इंजेक्शन मुंह मांगी कीमत पर बेच देते थे। 

जेके अस्पताल में कालाबाजारी करने वाले यह दोनों आरोपी प्रेमी और प्रेमिका हैं। पुलिस ने इस मामले में झलकन सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह अस्पताल के ही पास स्थित दानिश कुंज में रहता है। आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वह और उसकी प्रेमिका अस्पताल से इंजेक्शन की चोरी कर उसकी कालाबाजारी करते थे। फिलहाल उसकी प्रेमिका शालिनी वर्मा अभी फरार चल रही है। 

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आरोपी झलकन सिंह ने पूछताछ के दौरान दो बड़े और चौंकाने खुलासे किए हैं। आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वह और उसकी प्रेमिका शालिनी जेके अस्पताल में ही काम करते हैं। प्रेमिका अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन चुराती थी। जिसे वह बाजार में 20 से 30 हज़ार में बेच देता था। 

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आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने हाल ही में अस्पताल के ही डॉक्टर शुभम पटेरिया को इंजेक्शन बेची थी। आरोपी के इस खुलासे से अब इंजेक्शन की इस कालाबाजारी में इन दोनों के अलावा अस्पताल के डॉक्टरों के शामिल होने की आशंका भी ज़ाहिर हो रही है। 

इस पूरे मामले का खुलासा पीड़ित परिवार की शिकायत के बाद हुआ। दरअसल दोनों ही प्रेमी और प्रेमिका अस्पताल में रेमडेसिविर की चोरी करने के बाद मरीजों को नॉर्मल स्लाइन इंजेक्ट कर दिया करते थे। इंजेक्शन लगाने के समय मरीज़ के पास वे दोनों रेमडेसिविर की शीशी रख दिया करते थे, जिससे मरीज़ को शक न हो।