कालीचरण को समझाया भी जा सकता था, गालीबाज़ संत के समर्थन में उतरे विजयवर्गीय

कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए कालीचरण की गिरफ्तारी को गलत ठहराया, विजयवर्गीय ने यह तर्क दिया कि संतों के प्रति थोड़ी उदारता से पेश आना चाहिये

Updated: Jan 04, 2022, 09:16 AM IST

इंदौर। शिवराज सरकार में नंबर दो के मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बाद अब बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी गालीबाज़ संत कालीचरण के समर्थन में उतर आये हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देने वाले कालीचरण की गिरफ्तारी का विरोध किया है। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कालीचरण को गिरफ्तार करने के बजाय समझाया भी जा सकता था।  

कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के बास्केटबॉल कॉम्पलेक्स में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुँचे थे। इस दौरान जब उनसे कालीचरण के संबंध में सवाल किया गया तब भाजपा नेता ने कालीचरण की गिरफ्तारी को अनुचित करार दे दिया। हालांकि विजयवर्गीय ने इस बात पर अपनी सहमति ज़रूर ज़ाहिर की कालीचरण की भाषा संयमित होनी चाहिये थी। लेकिन उन्होंने साथ में यह भी कह डाला कि संतों के प्रति उदारता बरती जानी चाहिये।  

कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संतों पर टीका टिप्पणी करना उचित नहीं है। संतों के प्रति थोड़ा उदार रुख अपनाया जाना चाहिये। भाजपा नेता ने कहा कि कालीचरण महाराज को गिरफ्तार करने के बनिस्बत समझाने का भी विकल्प था। इसके अगले ही पल कैलाश विजयवर्गीय ने कालीचरण के बयान को आंशिक तौर पर समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाता है तो उसके पास अभिव्यक्ति की आज़ादी है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने जज़्बात बयां कर दे तो उसका बोलने का अधिकार सुरक्षित नहीं है।  

यही भाजपा का दोहरा चरित्र भी है ः सलूजा 

कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने भाजपा नेता के बयान पर हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने विजयवर्गीय के बयान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि यही भाजपा का दोहरा चरित्र है। नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय को यह बताना चाहिये कि वे खुद क्या सोच रखते हैं? वे गोडसे के समर्थन में हैं या गांधी के? 

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इससे पहले कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से रायपुर पुलिस अपने साथ गिरफ्तार कर ले गयी थी। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कालीचरण की गिरफ्तारी पर सवाल खड़ा करते हुए इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन करार दिया था। नरोत्तम मिश्रा के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा था कि नरोत्तम मिश्रा को यह बताना चाहिये कि वे कालीचरण की गिरफ्तारी से खुश हैं या दुखी हैं।  

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कालीचरण ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हाल ही में आयोजित धर्म संसद को संबोधित करते हुए भारत की आज़ादी के सबसे बड़े नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर अभद्र टिप्पणी थी। कालीचरण ने महात्मा गांधी को देश के बंटवारे का भी दोषी करार दिया था। इसके साथ ही उसने बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे के कृत्य को न सिर्फ जायज़ ठहराया था बल्कि अपने संबोधन में नाथूराम गोडसे को गांधी की हत्या के लिये प्रणाम भी किया था। 

कालीचरण का वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद से ही कालीचरण की गिरफ्तारी की मांग तेज़ होने लगी। रायपुर पुलिस ने मध्य प्रदेश के खजुराहो पहुँच कर कालीचरण को दबोच लिया और अपने साथ रायपुर ले गयी। कालीचरण इस वक्त न्यायिक हिरासत में है। सोमवार को ही रायपुर कोर्ट में उसकी ज़मानत याचिका खारिज हुई है। अब उसे ज़मानत के लिये हाई कोर्ट का रुख करना होगा।