Kamal Nath: लोकतंत्र और संविधान की अस्मिता बचाए रखना चुनौती

Independence Day 2020: कमल नाथ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि देश में लोकतंत्र और संविधान की अस्मिता को बचाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है।

Updated: Aug 16, 2020, 08:57 AM IST

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ध्वजारोहण किया। झंडा वंदन कार्यक्रम के बाद कमल नाथ ने अपने भाषण में कहा कि आज देश के सामने कई चुनौतियां हैं, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती देश के लोकतंत्र और संविधान की अस्मिता को बचाए रखना है।

कमल नाथ ने प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के संबंध में कहा कि देश में दल बदल कानून होने के बावजूद ऐसी नई परिस्थितियां पेश हुईं, जिससे जनता द्वारा बहुमत से चुनी सरकारों को अस्थिर करने का काम न केवल मप्र में बल्कि अनेक प्रदेशों में किया गया है। संविधान और लोकतंत्र की भावनाओं के विपरीत मप्र में जो घटनाक्रम हुआ उससे प्रजातंत्र के मूल्यों पर प्रहार हुआ है, प्रजातंत्र की हत्या की गई।

15 महीने की सरकार का दिया ब्यौरा
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने भाषण में अपनी पंद्रह महीने की सरकार का ब्यौरा देते हुए कहा कि 15 महीने की सरकार में हमें 12 महीने काम करने का अवसर मिला। सरकार बनते ही हमने किसानों का 2 लाख रू. तक का फसल ऋण माफ करने का निर्णय लिया, 21 लाख किसानों के ऋण खाते में 7155 करोड़ की राशि का भुगतान कर दिया तथा 7 लाख से अधिक किसानों के कर्ज भुगतान हेतु 4612 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई।

उन्होंने अपने संदेश में कहा कि किसानों को कृषि प्रयोजन के विद्युत कनेक्शन की दर में 50 प्रतिशत छूट दी गई, इंदिरा गृह ज्योति योजना के अन्तर्गत 100 यूनिट तक मासिक खपत करने पर 100 रूपये प्रतिमाह की दर से विद्युत प्रदाय की गई। वृद्धा, विधवा एवं विकलांगों की पेंशन राशि में दुगनी बढौत्री अर्थात 300 रूपये की जगह 600 रू प्रतिमाह की गई। कन्याओं के विवाह हेतु सहायता राशि बढ़ाकर 51 हजार रूपये की गई। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना प्रारंभ की गई। सम्पत्ति के क्रय-विक्रय में स्टाम्प शुल्क में 20 प्रतिशत की छूट दी गई, 1000 से अधिक नई गौ शालाओ का निर्माण किया गया। इंदौर में मैगनीफिसेंट एम.पी. इन्वेस्टर्स समिट का सफलता पूर्वक आयोजन कर उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया। महिलाओं के वाहन लायसेंस निःशुल्क किये गए। शासकीय कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा, 7 वां वेतनमान, मंहगाई भत्ते के 3 प्रतिशत की वृद्धि के आदेश दिए गए।

कमल नाथ ने कहा कि हमने प्रदेश के पिछड़े वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की थी और सामान्य वर्ग के अति गरीबों के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। आदिवासियों के संस्कारों के लिए मदद योजना के साथ ही साहूकारी प्रथा समाप्त की गई। अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारो को रू 10 हजार प्रतिमाह सम्मान निधि देने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि हमने आम नागरिकों के हित में भूमाफिया तथा मिलावट खोरों के लिए सघन अभियान चलाया।  

कोरोना काल में सरकार विफल हुई 
कमल नाथ ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान ज़रूरी कदम नहीं उठाए जाने का आरोप लगाया। कमल नाथ ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना को नियंत्रित करने में पूर्ण रूप से विफल हो गई।
कमल नाथ ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महामारी कोरोनाकाल में प्रदेश के आम नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा के लिए जो गंभीर प्रयास किए जाने थे, हमें दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि इसके लिए वर्तमान सरकार द्वारा जरूरी कदम नहीं उठाये गए। जो प्रवासी मजदूर बाहर प्रदेशों से आए है, उन्हें रोजगार देने में वर्तमान सरकार असफल हुई है। कोरोना महामारी के इस दौर में कर्ज माफ न होने के कारण किसान, बिजली के लंबे-चौड़े बिलों के कारण आम नागरिक और हित लाभ न मिलने पर कर्मचारी वर्ग परेशान है। आज प्रदेश की जनता दोहरी मार झेल रही है जिससे उसका सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 

इसके अलावा कमल नाथ ने कहा कि हम एक ऐसे देश में रह रहे है जिसमें सर्वधर्म समभाव (सभी धर्मों का आदर करना) और वसुधैव कुटुम्बकम् (पूरा विश्व एक परिवार हैं) की सनातनी आस्था को स्वीकार किया है। हमने भगवान राम के मंदिर के निर्माण का स्वागत करते हुए पूरे प्रदेश में भगवान राम की पूजा अर्चना की और हनुमान चालीसा का पाठ किया। सनातन धर्म की इस आस्था के अनुरूप सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।। (अर्थ ‘सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पडे़)।’ यही मेरी भावना हमेशा रही है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि कोरोना महामारी के इस संकटकाल में देश एवं प्रदेश के सभी नागरिक निरोगी एवं स्वस्थ रहे।