Kamal Nath: बीजेपी के लिए काम करने वाले अफसर सावधान, 10 नवंबर के बाद दिखेगा असर
मध्य प्रदेश उपचुनाव के दौरान सरकार के इशारों पर काम करने वाले अफ़सरों से कमलनाथ ने कहा, राजनीतिक संरक्षण स्थायी नहीं होते
भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने से पहले पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के अफसरों को बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जान लें कि राजनीतिक संरक्षण स्थायी नहीं रहता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के लिए काम करने वाले अफसरों की सारी गतिविधियां रिकॉर्डेड हैं, जिसका परिणाम 10 नवंबर को दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर जारी कमलनाथ के एक बयान में कहा गया है, "प्रदेश के अफसरों को यह जान लेना चाहिए कि राजनीतिक संरक्षण कभी स्थाई नहीं होता है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से चुनाव को पूरा कराएं और अपने दायित्व का ईमानदारी और निष्पक्षता से निर्वहन करें।" कमलनाथ ने चुनाव के दौरान हिंसक घटनाओं का संज्ञान नहीं लिए जाने पर भी नाराज़गी जाहिर की है।
भावी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का वक्तव्य:
— MP Congress (@INCMP) November 7, 2020
“निर्वाचन आयोग द्वारा हिंसक घटनाओं को संज्ञान में न लेना दु:खद, राजनैतिक संरक्षणों को आतुर अधिकारी जान लें कि राजनैतिक संरक्षण कभी भी स्थायी नहीं होता।”
—कमलनाथ pic.twitter.com/LalzU9Qc8j
अपने कर्मों के लिए खुद जिम्मेदार होंगे पक्षपात करने वाले अफसर: कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि, 'ऐसे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जिन्होंने अपने दायित्वों का निष्पक्ष निर्वहन नहीं किया है और चुनाव को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने का काम किया है। उनकी संपूर्ण गतिविधियां रिकॉर्डेड हैं और इसके लिए वे खुद ही जिम्मेदार होंगे।' उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को राजनीतिक संरक्षण में अपने दायित्वों का निष्पक्षता और ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए जो वे नहीं कर रहे हैं।
प्रशासन पर असामाजिक तत्वों की मदद का आरोप
कमलनाथ ने उपचुनाव के दौरान दर्जनों जगहों पर हुई हिंसक घटनाओं के मामलों पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर भी गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि, 'सुमावली, मुरैना, मेहगांव समेत उपचुनाव वाले कई सीटों पर बीजेपी ने हिंसक घटनाओं के जरिए और गोली चलाकर बूथ कैपचरिंग की है। इस तरह की घटनाओं के प्रमाणित तथ्य शिकायतों के साथ कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष दिए गए हैं। इसके बावजूद दोबारा पोलिंग का फैसला नहीं लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटनाओं पर आपराधिक मामले दर्ज नहीं होना भी यह बताता है कि पुलिस और प्रशासन ने असामाजिक तत्वों की खुलकर मदद की है।'
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गौरतलब है कि उपचुनाव के नतीजे आने से पहले ही कमलनाथ जिस अंदाज़ में बयान दे रहे हैं, उससे चुनाव परिणामों के बारे में उनके आत्मविश्वास की झलक मिल रही है। कमलनाथ ने प्रदेश के अधिकारियों के लिए चेतावनी जारी कर यह जताने की कोशिश की है कि 10 नवंबर के बाद कांग्रेस की सरकार आएगी और बीजेपी के पक्ष में काम करने वाले अफसरों को नहीं बख्शा जाएगा।