आजादी में जिनका कोई योगदान नहीं रहा आज वे राष्ट्रवाद की परिभाषा सिखाने निकले हैं: कमलनाथ

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की जनता को किया संबोधित, बोले- सरकार चलाने और जबान चलाने में फर्क होता है, आइए संकल्प लें कि हम सच्चाई का साथ देंगे

Updated: Aug 14, 2021, 01:28 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व सीएम कमलनाथ ने आज स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जनता को संबोधित किया है। कमलनाथ ने इस दौरान चिंता जताते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में जिन लोगों का नामोनिशान नहीं था, भारत को राष्ट्र बनाने में जिनका कोई योगदान नहीं है, आज वे राष्ट्रवाद की परिभाषा सिखाने निकले हैं। उन्होंने कहा कि देश को आजाद करने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित नेहरू जैसे अनगिनत सेनानियों और कांग्रेस पार्टी की भूमिका रही है।

नई पीढ़ी को बताई आजादी के वक़्त की चुनौतियां

कमलनाथ ने अपने संबोधन के दौरान नई पीढ़ी के लोगों को आजादी के दौरान देश के सामने क्या-क्या चुनौतियां थी और देश के नेताओं ने किस तरह भारत को आगे ले जाने में भूमिका निभाई इसके बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती सबको एकजुट रखने की थी, पंडित नेहरू ने इतनी विविधता वाले भारत को एकजुट कर एक झंडे के नीचे लाकर खड़ा किया।'

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कमलनाथ ने बताया कि, 'पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देश को विकास की नई राह पर ले जाना शुरू किया। बाबा साहब अंबेडकर ने समतामूलक समाज के निर्माण के लिए देश का संविधान बनाया। नेहरू ने जमींदारी प्रथा को समाप्त कर किसानों को जमीनों का मालिकाना हक दिलाया। नेहरू के कार्यकाल में देशभर में हजारों बांध बने, AIIMS और IIT जैसी संस्थाएं बनीं, भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर और लड़ाकू जहाज बनाने की कंपनी बनी। मध्य प्रदेश के BHEL भी नेहरू की ही देन है। इस तरह नेहरू ने भारत को विकासशील राष्ट्र बनाया।'

इंदिरा गांधी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाया- कमलनाथ

कमलनाथ ने आगे कहा कि, 'गांधीवादी नेता वल्लभ भाई पटेल ने छोटी बड़ी रियासतों को जोड़कर मजबूत भारत की नींव डाली। शास्त्री ने जय जवान जय किसान के नारे के साथ किसानों और जवानों को मजबूती के साथ खड़ा किया। इंदिरा ने हरित क्रांति और श्वेत क्रांति से देश को आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने गरीबी हटाओ अभियान से देश की सूरत बदली। राजीव गांधी ने कंप्यूटर क्रांति लाकर आधुनिकता से भारत का परिचय कराया और 21वीं शताब्दी  के नए भारत की नींव डाली।'

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कमलनाथ ने आगे कहा कि, 'नरसिम्हा राव की सरकार ने उदारीकरण से भारत मे नए आर्थिक युग की शुरुआत की। डॉ मनमोहन सिंह ने उदारीकरण को नई ऊंचाई दी। सिंह के कार्यकाल में मनरेगा, सूचना का अधिकार, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार मिला। देश के किसानों के कर्जमाफी का ऐतिहासिक कार्य भी इसी समय हुआ। कांग्रेस के त्याग और समपर्ण आजदी से लेकर अबतक जारी है।'

जुबान चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है- कमलनाथ

कांग्रेस नेता ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जुबान चलाने और सरकार चलाने में फर्क होता है। उन्होंने कहा, 'आज देश में सरकारों के सौदे हो रहे हैं। देश कई चुनौतियों से घिरा हुआ है। भारत में आज जैसी परिस्थितियां कभी नहीं रही। आज देश में हर वर्ग परेशान है, आर्थिक गतिविधियां ठप हैं, विकास के नाम पर सिर्फ जुबान चलाई जा रही है, जुबान चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है।' 

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उन्होंने कहा कि, 'महंगाई चरम पर है, जनता परेशान है। किसान भाई काले कानूनों के खिलाफ सालभर से प्रदर्शन कर रहे हैं और अबतक 600 लोगों की जान गई है। बेरोजगारी ने सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लेकिन, सरकार हेडलाइन मैनेजमेंट में व्यस्त है। ऐसे में हम आने वाली पीढ़ी को कैसे खुशहाल जीवन दे पाएंगे।' कांग्रेस नेता ने कहा कि आज देश उसी तरह चुनातियों से घिरा है जैसे आजादी के समय घिरा हुआ था। उन्होंने लोगों से यह संकल्प लेने की अपील की है कि वे सच्चाई को पहचानेंगे, सच्चाई को अपनाएंगे और सच्चाई का साथ देंगे।