किसने खरीदा पेगासस, यदि सरकार ने नहीं खरीदा तब तो और भी खतरे की बात हो गई- कमलनाथ

कमलनाथ बोले- ऐसे जज से जांच कराएं जिसकी जासूसी न हुई हो, यदि सरकार ने पेगासस नहीं खरीदा, तो इसका मतलब किसी और ने खरीदा होगा, यह तो और भी खतरे की बात हो गई

Updated: Jul 22, 2021, 07:04 AM IST

भोपाल। इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए जासूसी कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पेगासस रिपोर्ट में हो रहे एक के बाद एक खुलासों ने केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पूछा है कि पेगासस स्पाईवेयर किसने खरीदा। उन्होंने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच किसी ऐसे जज से की जाए जिसकी जासूसी न हो रही हो।

कमलनाथ ने राजधानी भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस पूरे मामले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'अगर भारत सरकार कहती है की उन्होंने नहीं खरीदा और एफिडेविट देती है तो इसका मतलब है किसी और ने खरीदा है। जो इनका सर्विलांस कर रहे हैं। ये तो और भी खतरे की बात हो गई। क्या पता चीन ने खरीद लिया हो।' 

कमलनाथ ने कहा है कि भारत सरकार ने इन आरोपों से सीधा इनकार कर दिया है। जबकि फ्रांस की सरकार ने तो फौरन इन्क्वायरी आर्डर कर दी। अपना देश क्यों नहीं करने को तैयार है। उन्होंने कहा, 'अगर जांच करनी है तो एक सुप्रीम कोर्ट के जज से कराएं और विपक्ष की सहमति के साथ। पर वो ऐसा जज न हो जिसकी इन्होंने पहले ही जासूसी कर ली हो।'

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कमलनाथ ने पीएम मोदी के इजरायल कनेक्शन पर वार करते हुए कहा है कि साल 2017 में पीएम मोदी जब इजरायल गए उसके बाद ही देश में पेगासस आया। दरअसल, जुलाई 2017 में पीएम मोदी इजरायल गए थे। मोदी के इस यात्रा को सरकार ने बेहद अहम और ऐतिहासिक करार दिया। मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने इजरायल जाने की योजना बनाई। इसके पहले 70 सालों में भारत का कोई भी प्रधानमंत्री इजरायल नहीं गया था। इस दौरे के बाद ही देश के प्रमुख लोगों की जासूसी इजरायली कंपनी की मदद से की गई।