चिकित्सा मंत्री सारंग के बंगले के बाहर धरना दे रहे छात्रों पर लाठीचार्ज, NSUI के रवि परमार को भेजा जेल

एनएसयूआई कार्यकर्ता रवि परमार की गिरफ्तारी के खिलाफ आक्रोश, एनएसयूआई ने पीसीसी मुख्यालय के बाहर कैंडल जलाकर कानून व्यवस्था को दी श्रद्धांजलि

Updated: Feb 01, 2023, 07:33 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले तीन वर्षों से नर्सिंग छात्र छात्राओं की परीक्षाएं नहीं हुई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग में व्याप्त अनिमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना छात्रों को भारी पड़ता दिख रहा है। राजधानी भोपाल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले के बाहर धरने पर बैठे छात्र नेता रवि परमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। साथ ही अन्य छात्रों के साथ पुलिस ने मारपीट भी की। परमार को जेल भेजे जाने के खिलाफ एनएसयूआई कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। 

दरअसल, बुधवार दोपहर मध्य प्रदेश एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार के नेतृत्व सैकड़ों नर्सिंग और पैरामेडिकल के छात्र-छात्राएं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले के बाहर धरने पर बैठ गए। छात्र-छात्राओं ने यहां मंत्री सारंग और शिवराज सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। छात्र-छात्राएं काफी समय से परीक्षाओं के आयोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उनका सब्र का बांध जब टूटा तो बुधवार को वे चिकित्सा शिक्षा मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए उनके घर के बाहर बैठ गए।
  
धरना शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद ही भारी संख्या में पुलिसबल को मौके पर भेजा गया। एनएसयूआई का आरोप है कि मंत्री सारंग के निर्देश पर पुलिस ने यहां लाठीचार्ज शुरू कर दी। पुलिस द्वारा छात्र छात्राओं को खदेड़-खदेड़कर बर्बरतापूर्वक पीटा गया। इस दौरान एनएसयूआई नेता रवि परमार व अन्य को गंभीर चोटें आई। पुलिस ने रवि परमार को बलपूर्वक गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। परमार को अपराधियों के तरह हथकड़ी पहनाकर जेपी हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया था।

रवि परमार की गिरफ्तारी को लेकर छात्र-छात्राओं में भयंकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। छात्र-छात्राएं रवि परमार को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। पीसीसी मुख्यालय के बाहर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कैंडल जलाकर कानून व्यवस्था को श्रद्धांजलि दी। एनएसयूआई ने प्रदेशव्यापी आंदोलन और सीएम हाउस घेराव की चेतावनी दी है। एनएसयूआई के लक्की चौबे ने कहा कि, "शिवराज सरकार तानाशाही पर उतर आई है। शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे रवि परमार को जेल भेज दिया। उन्हें तत्काल रिहा किया जाए वरना हम प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। प्रदेश के सभी जिलों में एनएसयूआई कलेक्ट्रेट का घेराव करेगी।" 

गिरफ्तारी से पहले रवि परमार ने कहा था कि चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय और मध्यप्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। सारंग के निकृष्ट मंत्री के कारण हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य बर्बादी के कगार पर है। पिछले 3 सालों से नर्सिंग और पैरामेडिकल के लाखों छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं नहीं हो पाई है। छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर न सिर्फ चिंतित हैं बल्कि डिप्रेशन में हैं। अगर विवि परीक्षा का आयोजन नहीं कर सकता तो छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही प्रमोशन दे। लेकिन ये भी नहीं हो रहा है। सिर्फ स्टूडेंट्स का साल बर्बाद हो रहा है।

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परमार ने मंत्री विश्वास सारंग पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने विभाग को नहीं संभाल पा रहे हैं। उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग का कोई ज्ञान नहीं है जिसकी सजा मध्य प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राएं भुगत रहे हैं। इसलिए उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। 
परमार ने आरोप लगाया कि, "मेडिकल विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा मंत्री की मिलीभगत से लगातार कागजों में संचालित फर्जी नर्सिंग और मेडिकल कालेजों को लाखों करोड़ों रुपयों की उगाही कर मान्यता दी जा रही हैं। यह फर्जी मान्यता बांटने का खेल बड़े स्तर पर चल रहा है और इसमें सारंग की शत प्रतिशत संलीप्तता है।"