CM हाउस घेराव: NSUI कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, प्रदेशाध्यक्ष बोले- गोली भी चलवा लो डरने वाले नहीं

भोपाल में सीएम हाउस का घेराव करने निकले NSUI कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया बलप्रयोग, प्रदेश सचिव बेहोश, प्रदेशाध्यक्ष बोले- हमारे खून का एक-एक बूंद छात्रों को समर्पित

Updated: Nov 25, 2021, 11:10 AM IST

भोपाल। केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ NSUI के प्रदर्शन को काबू करने के लिए भोपाल पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठियां बरसाई। इस पुलिसिया कार्रवाई में एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अभिमन्यु तिवारी बेहोश हो गए। NSUI के प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी ने कहा कि सीएम शिवराज के इशारे पर पुलिस छात्रों को पीटने के मकसद से आई थी। प्रदेश भर के छात्र अपने मामू से नौकरी मांगने आए थे लेकिन इस कंस रूपी मामू ने भांजों को अस्पताल भेज दिया।

दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने गुरुवार को राजधानी भोपाल में शिक्षा-बचाओ मार्च निकाला था। प्रदेश भर से आए हजारों की संख्या में एनएसयूआई कार्यकर्ता और छात्र इंदिरा भवन से सीएम हाउस की ओर बढ़ रहे थे। सीएम हाउस की ओर बढ़ रहे हजारों की संख्या में युवाओं को रोकने के लिए भोपाल पुलिस ने भारी-भरकम बैरिकेडिंग कर रखी थी। इस दौरान डीआईजी इरशाद वली कमेंट्री कर रहे थे कि पुलिस लाठीचार्ज नहीं करेगी। 

एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी के मुताबिक, 'डीआईजी ने छात्रों को पहले यह कहकर विश्वास में लिया कि कोई लाठीचार्ज नहीं होगा। लेकिन जैसे ही छात्रों का काफिला बैरिकेडिंग के बेहद नजदीक आया तब पुलिस ने मौका देखकर लाठियां भांजनी शुरू कर दी। वे पहले से तैयारी कर के आए थे कि छात्रों को पीटना है ताकि भविष्य में वे कभी अपना अधिकार मांगने के लिए आगे नहीं बढ़ सकें। लेकिन एनएसयूआई कभी पीछे नहीं हटेगी, हम छात्र हित के लिए किसी से भी टकराने का माद्दा रखते हैं। हमारे खून का एक एक बूंद छात्रों को समर्पित है।' पुलिस लाठीचार्ज के दौरान एनएसयूआई मेडिकल विंग के समन्यवक रवि परमार भी बुरी तरह घायल हुए हैं। परमार का बायां हाथ फ्रैक्चर हुआ है और वे गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं। 

बता दें कि प्रदर्शन में शामिल होने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन भी भोपाल आए थे। इसके अलावा दो विधायक कुणाल चौधरी और विपिन वानखेड़े भी मौजूद थे। पुलिस ने चौधरी, वानखेड़े, नीरज कुंदन, प्रदेश अध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी समेत 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि, 'NSUI का एक भी कार्यकर्ता इन लाठियों से डरने वाला नहीं है। हम भी देखते हैं कि "शव राज" के जेलों में कितनी जगह है।' 

मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि बैरिकेड्स के पास पहुंचते ही एनएसयूआई के किसी सदस्य ने पुलिस की ओर पत्थर उछाल दिया था, इस वजह से लाठीचार्ज हुई। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने कहा कि पथराव की घटना झूठी है। यदि पत्थर उछाले गए तो यह भी खुद पुलिस की ओर से हुआ। हम शांतिपूर्ण तरीके से सीएम हाउस की ओर बढ़ रहे थे। असल में यह छात्र शक्ति को रोकने के लिए यह एक षड्यंत्र था और इसमें खुद सीएम शिवराज भी शामिल थे। विपिन वानखेड़े ने कहा कि, 'हम ऐसे सभी षड्यंत्रों को विफल करेंगे। इस मामा कंस के अहंकार का अंत बेहद नजदीक है। 

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'सरकार छात्रों को रोज़गार तो दे नही रही , उनकी माँग मान तो नही रही लेकिन उन पर बर्बर तरीक़े से लाठियाँ ज़रूर बरसा रही है , यह सरकार का तानाशाही रवैया है। एनएसयूआई के कार्यकर्ता व छात्र ऐसे किसी दमन से झुकने वाले नही है, छात्र हित में उनका संघर्ष सतत जारी रहेगा।'