Kamal Nath: बाढ़ राहत कार्य में तेजी लाए शिवराज सरकार
Flood in MP: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा, बाढ़ में फंसे लोगों की हर संभव करें मदद

भोपाल। मध्यप्रदेश इस समय भारी बारिश की वजह से बाढ़ की आपदा से जूझ रहा है। प्रदेश के बारह ज़िले इस समय बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ से निपटने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्य सरकार से राहत कार्य में तेज़ी लाने के लिए कहा है। कमल नाथ ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों तक हर संभव सहायता पहुंचाने की अपील की है।
कमल नाथ ने कहा है प्रदेश में अतिवर्षा का दौर जारी है।प्रदेश के 12 से अधिक ज़िले व 400 से अधिक गाँव बाढ़ की चपेट में है। नदियाँ उफान पर है।बाढ़ ने प्रदेश के कई हिस्सों को प्रभावित किया है। लोगों का भारी नुक़सान हुआ है। कमल नाथ ने कहा है कि उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से इस पर चर्चा कर चिंता भी व्यक्त की है।
कमल नाथ ने आगे कहा कि मैंने उनसे निवेदन किया है कि प्रभावित इलाक़ों में आपदा, राहत व बचाव के कार्य में तेज़ी लायी जाए। डूब प्रभावित व निचले बसे इलाक़ों में में विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे कोई जनहानि ना हो।बाढ़ में फँसे लोगों को लोगों को तेज़ी से निकाला जाए।'
मेने उनसे निवेदन किया है कि प्रभावित इलाक़ों में आपदा, राहत व बचाव के कार्य में तेज़ी लायी जावे। डूब प्रभावित व निचले बसे इलाक़ों में में विशेष ध्यान दिया जावे, जिससे कोई जनहानि ना हो।बाढ़ में फँसे लोगों को लोगों को तेज़ी से निकाला जावे।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 30, 2020
प्रभावित लोगों के रहने , खाने- पीने की समुचित व्यवस्था की जावे।
पूरा प्रदेश , हम सभी , संकट की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ खड़े है।
जिन इलाक़ों में अभी भी ख़तरा बना हुआ है , वहाँ विशेष चौकसी बरती जावे। पानी वाले पर्यटन स्थलों पर आवाजाही पर रोक लगायी जावे।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 30, 2020
खाने पीने और सुरक्षा के तमाम इंतज़ाम करे सरकार
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बाढ़ में फंसे लोगों के खाने पीने तथा उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम सुनिश्चित करने के लिए कहा है। कमल नाथ ने कहा है 'प्रभावित लोगों के रहने , खाने- पीने की समुचित व्यवस्था की जाए।पूरा प्रदेश, हम सभी, संकट की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं।जिन इलाक़ों में अभी भी ख़तरा बना हुआ है, वहाँ विशेष चौकसी बरती जाए। पानी वाले पर्यटन स्थलों पर आवाजाही पर रोक लगायी जाए।'