आपराधिक मुकदमे वाले छात्रों को भी मिलेगा दाखिला, NSUI के विरोध के बाद एमपी सरकार का यू टर्न

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने आपराधिक मुकदमे वाले छात्रों को दाखिला नहीं देने का जारी किया था फरमान, एनएसयूआई बोली- जब आपराधिक प्रवृत्ति के लोग देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बन सकते हैं तो दाखिला क्यों नहीं

Updated: Jul 31, 2021, 04:01 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने अपने विवादास्पद आदेश पर 24 घंटे के भीतर यू टर्न ले लिया है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा है कि आपराधिक मुकदमे पंजीबद्ध होने के बाद भी छात्रों को यूनिवर्सिटी में दाखिला दिया जाएगा। शुक्रवार को विभाग ने आपराधिक प्रवृत्ति वाले छात्रों को कॉलेज में एडमिशन ना देने का आदेश जारी किया था। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि जब अपराधिक प्रवृति के व्यक्ति नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन सकते हैं, अमित शाह गृहमंत्री बन सकते हैं तो छात्रों को दाखिला क्यों नहीं दिया जा सकता?

इतना ही नहीं खुद आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी ने भी इस फैसले का विरोध किया था और आरोप लगाया था कि प्रदेश की शिवराज सरकार छात्र राजनीति को खत्म करने की साजिश कर रही है। मामला तूल पकड़ते देख प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बयान जारी कर कहा, 'कई लोगों ने मुझसे संपर्क किया कि ये निर्णय बदलना चाहिए। मैं सहमत हूं इस बात से। मैने उच्च शिक्षा कमिश्नर को निर्देश दिया है कि किसी भी विद्यार्थी पेर अगर कोई प्रकरण पंजीबद्ध है, उससे किसी का भी प्रवेश रोका नहीं जाए। सभी छात्रों को सामान्य रूप से प्रवेश दिया जाए।' 

उच्च शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, 'चूंकि न्यायालय में गुण दोष के आधार पर सजा तय होती है। केवल पंजीबद्ध मात्र से किसी का प्रवेश रोकेंगे तो मुझे लगता है कि ये ज्यादती होगी। लोकतंत्र में छात्र नेताओं पे कई बार जब वे प्रदर्शन करते हैं तो आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होते रहे हैं। इस आधार पर जब लोकसभा-विधानसभा के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता तो किसी भी विद्यार्थी का प्रवेश रोकना गलत होगा।'

यह भी पढ़ें: बढ़ती महंगाई की वजह नेहरू हैं, विश्वास सारंग के इस बयान पर कांग्रेस ने कहा, पता नहीं ये कौन सा नशा करता है

दरअसल, शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग ने एक फरमान जारी कर कहा था कि जिन आवेदकों के खिलाफ न्यायालय में आपराधिक मामले चल रहे हों उन्हें दाखिला नहीं दिया जाएगा। मध्य प्रदेश एनएसयूआई के समन्यवक समर्थ समाधिया ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह से लेकर सीएम शिवराज तक के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे हैं। वे जब सत्ता में बने रह सकते हैं तो छात्रों को दाखिले से क्यों रोका जा रहा है।