सागर: 40 दिन से धरने पर बैठी हैं आंगनबाड़ी महिलाएं, हफ्तेभर में दूसरी मौत

मध्य प्रदेश के सागर में धरने पर बैठी एक और आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता की मौत, कांग्रेस बोली- और कितनी बहनों की जान लेगी शिवराज सरकार

Updated: Apr 15, 2022, 11:49 AM IST

Photo Courtesy: Joshhosh
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सागर। मध्य प्रदेश के सागर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन पिछले डेढ़ महीनों से जारी है। भीषण गर्मी में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने की कीमत आंगनबाड़ी सेविकाओं को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ रहा है। गुरुवार को एक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत हो गई। हफ्ते भर में सागर में यह दूसरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत है।

दरअसल, सागर लगातार लू की चपेट में बना हुआ है। तपती गर्मी में सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिछले 40 दिनों से अपनी मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही हैं। तीन मढिया स्थित आंदोलन स्थल पर लाजपतपुरा वार्ड निवासी शहनाज बानो गुरुवार को बेहोश होकर गिर गईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उन्हें हार्ट अटैक की शिकायत बताई गई और कुछ घंटे बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। आठ दिन पहले आंगनबाड़ी सहायिका पार्वती अहिरवार की भी मृत्यु हो चुकी है।

दूसरी मौत के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आक्रोशित हो गईं। उन्होंने धरना स्थल पर ही शहनाज बानो का शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। कांग्रेस ने बानो की मौत पर अफसोस जताया है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने राज्य सरकार से पूछा कि न्याय और अधिकार की आस में लड़ रही इन बहनों को न्याय देने से पहले सरकार और कितनी जानें लेगी।

प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि सागर के दो नेता केंद्र सरकार में और तीन नेता राज्य सरकार में मंत्री हैं बावजूद कोई पूछने तक नहीं आया है। धरने पर बैठीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं व कार्यकर्ताओं ने बीते दिनों गोपालगंज थाने में ज्ञापन दिया था कि जिले के मंत्री चोरी जो गए हैं। उन्हें ढूंढकर लाइए। 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मांग कर रही हैं कि उन्हें शासकीय वेतन भोगी घोषित किया जाए। साथ अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिया और उम्र सीमा का बंधन समाप्त किया जाए। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी सोमवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांगों का समर्थन किया है। पीसीसी चीफ ने इस संबंध में सीएम शिवराज को पत्र भी लिखा है।