वल्लभ भवन की तरह क्या शिव का ‘ताज’ भी तीन खंडों में बंटेगा
उप मुख्यमंत्रियों में सत्ता का विभाजन वैसा ही होगा जैसे कभी एक भवन में लगने वाले वल्लभ भवन की सत्ता को खुद शिवराज सिंह चौहान ने तीन खंडों (एनेक्सी) में बांटा था।

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन की कवायद के बीच संकेत मिले हैं कि प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। ये उप मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से तुलसी राम सिलावट और कांग्रेस की सरकार गिराने में अहम् किरदार निभाने वाले नरोत्तम मिश्रा हो सकते हैं। यदि ऐसा होगा तो अब तक एमपी पर एकछत्र राज करने के आदी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सत्ता दो उप मुख्यमंत्रियों में विभाजित हो जाएगी। यह वैसा ही होगा जैसे कभी एक भवन में लगने वाले वल्लभ भवन की सत्ता को खुद शिवराज सिंह चौहान ने तीन खंडों (एनेक्सी) में बांटा था।
अरेरा हिल्स पर बना वल्लभ भवन प्रदेश की तमाम राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है। पांच मंजिला इस भवन में मुख्यमंत्री, मंत्री से लेकर प्रशासनिक मुखिया सीएस और विभागों के पीएस, सेक्रेटरी आदि बैठा करते थे। जब कामकाज बढ़ा तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय विस्तार की योजना को हरी झंडी दिखाई और 2018 के अंत तक वल्लभ भवन परिसर में दो एनेक्सी बन कर तैयार हो गई। तय हुआ कि मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसर अलग-अलग एनेक्सी में बैठेंगे। यानि एक क्षेत्र में सिमटा सत्ता केंद्र विभाजित कर दिया गया।
शिवराज इस नई एनेक्सी में बैठ पाते उसके पहले ही विधानसभा चुनाव हुए और दिसंबर 2018 में 13 सालों से एमपी के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की सत्ता चली गई। करीब 15 माह बाद मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार गिरा कर शिवराज सिंह चौहान बीजेपी सरकार में फिर मुख्यमंत्री बने हैं।
मगर राजनीतिक गलियारों में महसूस किया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान की यह वापसी उनके पूर्व के तीन कार्यकाल जैसी नहीं है। वे सत्ता में लौटे जरूर है मगर इस बार उनका एक छत्र राज नहीं है। संगठन अध्यक्ष वीडी शर्मा के रूप में आरएसएस ने अपना नियंत्रण कायम किया है वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शिवराज के निष्कंटक राज में बाधा बन रहे हैं। अब तक फ्री हैण्ड काम करने के आदी रहे मुख्यमंत्री शिवराज को कदम कदम पर बीजेपी संगठन और ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति पाने के लिए मेहनत करनी पड़ रही है।
ताजा मामला मंत्रिमंडल विस्तार का है। अब तक बीजेपी संगठन ने शिवराज की सहमति से ही विधानसभा चुनाव के टिकट भी बांटें और उनकी पसंद के नेताओं को ही मंत्री भी बनाया। मगर अब सूत्र बताते हैं कि शिवराज को अपने पसंदीदा साथी रामपाल सिंह और राजेंद्र शुक्ला को मंत्री बनवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। वे इन्हें मंत्री नहीं बनाने पर सहमत भी हो जाएं तो बात उप मुख्यमंत्री पद पर आ कर टिक गई है। सूत्रों के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार गिराने के समय तय फॉर्मूले के हिसाब से उनके समर्थक तुलसी सिलावट को उप मुख्यमंत्री बनाया जाए। यदि सिलावट को उप मुख्यमंत्री बनाय जाएगा तो बीजेपी से नरोत्तम मिश्रा का दावा सहज ही हो जाता है। मिश्रा ने ही कांग्रेस सरकार को गिराने में अहम् रोल अदा किया था। यदि प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे तो शिवराज का राज तीन खंडों में बंट जाएगा। ठीक वैसे ही जैसे वल्लभ भवन को खुद शिवराज ने तीन खंडों में बांट दिया था। शिवराज मुख्यमंत्री होंगे जरूर मगर सत्ता केंद्र एक नहीं होगा।