मुरैना पहुंचे MP कांग्रेस के दोनों दिग्गज कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, कांग्रेस कार्यालय का किया उद्घाटन

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह रविवार को अल्प प्रवास पर मुरैना पहुंचे हैं, यहां दोनों नेता प्रदेश किसान कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के बेटे की शादी समारोह समेत अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए।

Updated: Feb 05, 2023, 09:08 AM IST

मुरैना। मध्य प्रदेश कांग्रेस के दोनों दिग्गज कमलनाथ और दिग्विजय सिंह रविवार को अल्प प्रवास पर मुरैना पहुंचे हैं। दोनों नेता यहां प्रदेश किसान कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के बेटे की शादी समारोह समेत अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह भी मौजूद रहे। यह पहली बार है जब सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र ग्वालियर-चंबल अंचल में पूरी कांग्रेस एकसाथ पहुंची है। इस दौरे के माध्यम से चुनावी साल में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एकजुटता का संदेश दे रही है।

रविवार सुबह मुरैना पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने जिला कांग्रेस कमेटी मुरैना के कार्यालय का उद्घाटन किया। इसके बाद वे प्रदेश किसान कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के बेटे के विवाह समारोह में शामिल हुए। इसके बाद वे मुरैना के पूर्व सांसद बाबूलाल सोलंकी के निधन पर उनके घर पहुंचकर शोक सभा में शामिल हुए।

मुरैना से सभी कांग्रेस नेता ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां वे वरिष्ठ नेता फूल सिंह बरैया की बेटी के विवाह समारोह में शामिल होंगे। ग्वालियर जिले में पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया की बेटी की शादी का कार्ड चर्चा का विषय बना हुआ था। दरअसल, शादी में आमंत्रण के लिए बरैया की ओर से जो कार्ड बांटा गया है, उसके जरिए संविधान बचाने और बराबरी का हक पाने का संदेश दिया गया है।

खास बात यह है कि विवाह समारोह उन्होंने कोई मुहूर्त देखकर नहीं, बल्कि इसलिए पांच फरवरी को करना तय किया है। क्योंकि उस दिन गुरु संत रविदास की जयंती है और इस जयंती उत्सव में ही उनकी बेटी निधि और नीरज वर्मा एक दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार करेंगे। आमंत्रण कार्ड पर कोई धार्मिक चिन्ह या चित्र नहीं है। बल्कि इसके सबसे ऊपर संत रविदास, छत्रपति शाहू जी महाराज, भगवान बुद्ध, महात्मा ज्योतिबा फुले, बाबा साहब अंबेडकर और कांशीराम के चित्र हैं। आमंत्रण पत्र को संकल्प और संघर्ष पत्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमे ऊपर ही तीन संकल्प भी लिखे हैं- भारत का संविधान बचाना है, भारत का लोकतंत्र बचाना है, नागरिकों के हक और अधिकार को बचाना है। इसमें कहा गया है कि जब सब इस संकल्प पर कायम रहेंगे, तभी देश बचेगा।

ग्वालियर में रविदास जयंती के मौके पर कांग्रेस की ओर से एक जनसभा का भी आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे। इस दौरान प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री एकसाथ सिंधिया के गढ़ में हुंकार भरेंगे। दिलचस्प बात ये है कि केन्द्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी ग्वालियर में ही हैं। रविवार दोपहर 12.05 बजे दिल्ली से इंडिगो की फ्लाइट के जरिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर पहुंचे हैं। सिंधिया काे ग्वालियर में रविदास जयंती पर कई कार्यक्रमों में भाग लेना है। 

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बता दें कि मिशन 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ग्वालियर-चंबल अंचल पर खास फोकस है। कांग्रेस जहां सिंधिया को उनके गढ़ में पटखनी देकर बगावत का बदला लेने की तैयारी में है। वहीं, बीजेपी अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही है। मध्य प्रदेश की राजनीति में ग्वालियर चंबल अंचल की बेहद अहमियत है। ग्वालियर चंबल अंचल में ग्वालियर और चंबल संभाग के कुल 8 जिले हैं। 8 जिलों में विधानसभा की 34 सीटें आती हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 34 सीटों में से 20 पर कब्जा जमाया था। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा और 26 सीटों पर जीत मिली। बीजेपी को 2013 के मुकाबले 13 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था और 2018 में 7 सीटों पर सिमट गई। इस बार के चुनाव में भी दलित वोटर्स बीजेपी से नाराज हैं। साथ ही सिंधिया के आने के बाद BJP कई गुटों में बंट गई है इसका सीधा फायदा भी कांग्रेस को मिलेगा और 2023 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी की राह आसान होगी।