MP: हलाली डैम के पानी से डूबी खेत में खड़ी फसल, मुआवजे की मांग को लेकर पानी में उतरे किसान
किसानों ने बताया कि डैम का पानी खेतों में भरे पांच से छह दिन हो गए हैं। गेट खुलने से पानी जरूर निकल रहा है, लेकिन खेतों में काफी पानी भरा है। किसानों के लिए यह एक जटिल समस्या हो गई है।

भोपाल। विदिशा जिले के सम्राट अशोक सागर परियोजना हलाली डैम के पानी से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। भोपाल जिले की खेतों में फसलें 2 से 3 फीट तक डूब गई। 16 से अधिक गांवों में इसका असर है। इसके चलते किसान अब पानी में उतरकर आंदोलन करने लगे हैं। उनकी मांग है कि सरकार मुआवजा दें।
किसानों के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट भी पानी में उतरे और किसानों को मुआवजे का भरोसा दिलाया। जिपं उपाध्यक्ष जाट ने बताया कि डैम का पानी खेतों में भरे पांच से छह दिन हो गए हैं। गेट खुलने से पानी जरूर निकल रहा है, लेकिन खेतों में काफी पानी भरा है। किसानों के लिए यह एक जटिल समस्या हो गई है। इसलिए सरकारी स्तर पर किसानों के हित में एक अच्छा निर्णय होना चाहिए।
इस डैम का निर्माण कार्य सन 1976-77 में हुआ था। जिसमें पानी की निकासी 1508 फीट पर बने बेस्ट बियर से होती थी, लेकिन पिछले 2 साल से पानी निकासी के गेट लगाकर जल निकास को 1508 फीट से ऊपर नहीं जान देने के लिए गेट का निर्माण किया, लेकिन अभी डैम का जलस्तर 1510 फीट तक पहुंच गया है। जिसमें 2 फीट जलस्तर अधिक होने से भोपाल जिले के 16 गांव प्रभावित हो रहे हैं। यहां के सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ जमीन में खड़ी फसल नष्ट हो गई है। इनमें मुख्य रूप से धान और सोयाबीन है।
डैम के पानी को स्थिर नहीं रखा गया है। ऐसे में किसानों का कहना है कि इन गेटों को लगाने का कोई फायदा नहीं है। जलस्तर किसी भी कीमत में 1508 फीट से ऊपर नहीं बढ़ना चाहिए। किसानों की जलस्तर से जो फसलें डूबी हुई हैं, उनका तत्काल सर्वे कराकर शासन इसका मुआवजा दें। जिपं उपाध्यक्ष जाट ने बताया कि पानी की वजह से करोंद खुर्द, मोहनपुर, कडै़य्या, चिलखेड़ो, पिपरिया झुन्नारदार, बुदोर, छत्री, भैंसखेड़ा, रोंझिया की फसलें प्रभावित हुई है।