दलित की शादी में नहीं मिलते फूल, आज भी बिछाए जाते हैं राह में काँटे और पत्थर

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में दलित सैन्यकर्मी को घोड़ी चढ़ने से रोका, BSF के जवान को बारात निकालने ने लिए बुलानी पड़ी पुलिस, पुलिस अभिरक्षा में एक दिन लेट निकली बारात

Updated: Apr 13, 2023, 04:29 PM IST

मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक बार फिर दबंगों ने एक दलित दूल्हे को घोड़ी नहीं चढ़ने दिया। दलित दूल्हा बीएसएफ का जवान है। दबंगों से बचने के लिए खुद बॉर्डर की रक्षा करने वाले बीएसएफ के जवान को बारात निकालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। दबंगों ने पुलिसवालों पर भी पथराव कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 29 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

मामला मंदसौर जिले के गरोठ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पिपलिया राजा का है। यहां बुधवार को मेघालय में पदस्थ सैनिक अर्जुन मेघवाल की बारात निकाली जा रही थी। बैंड बाजा और आतिशबाजी के साथ निकल रही बारात को दबंगों ने दादागिरी करते हुए रोक दिया। उन्होंने रास्ते में पत्थर और कांटे भी बिछा दिए थे। मीणा समाज दबंगों को इस बात को लेकर आपत्ति थी कि वह दलित होकर घोड़ी पर क्यों चढ़ा है? थोड़ी देर में विवाद बढ़ गया और दबंगों ने मेघवाल और उनके परिजनों के साथ मारपीट शुरू कर दी।

इस घटना के बाद जान बचा कर भागे दूल्हे और मेहमानों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद मौके पर पहुंचे गरोठ एसडीएम और एडिशनल एसपी ने फिर से दूल्हे की बारात निकालने की तैयारी की तो दबंगों ने पुलिसवालों पर ही हमला बोल दिया।दबंगों ने मौके पर पहुंची पुलिस की गाड़ियों और जवानों पर भी पथराव कर दिया। आधी रात को घटी इस घटना में कुछ लोग घायल भी हो गए। इसके बाद रात में बारात नहीं निकल सकी। अगले दिन दोपहर करीब बारह बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मेघवाल की बारात निकली।

इस घटना में पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दूल्हे के पिता विनोद मेघवाल की रिपोर्ट पर पुलिस ने सभी लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बहरहाल, इस घटना के बाद मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था और दलितों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। बॉर्डर पर रह कर देश की सेवा कर रहे सैनिक भी जब मध्य प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं, तो अन्य लोगों की क्या स्थिति होगी?