ग्वालियर चंबल के 250 कॉन्स्टेबल्स ने किया उच्च पद लेने से इनकार, शिवराज सरकार के प्रमोशन स्कीम को बताया फर्जी

मप्र के हलवदारों का कहना है कि इस प्रमोशन से ना वेतन बढ़ेगा, ना पद मिलेगा, जिले से बाहर ड्यूटी करने जाना होगा, ऊपर से एक नोटिस पर छीन लिया जाएगा उच्च पद का प्रभार

Updated: Mar 31, 2021, 10:30 AM IST

Photo Courtesy: rojgarsamachar.in
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भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इस बीच प्रदेश सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है। गृह विभाग ने पुलिसकर्मियों को प्रमोशन तो नहीं पर उच्च पद का प्रभार देना शुरु कर दिया। इसके तहत उन्हें ना तो सैलरी में कोई फायदा होगा और ना ही उनकी सर्विस रोल में उच्च पद लिखा जाएगा, और तो और उन्हें एक नोटिस देकर पद से हटाया भी जा सकता है। प्रदेश सरकार का उच्च पद वाला लॉलीपॉप लेने से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने इनकार कर दिया है। सिर्फ ग्वालियर चंबल क्षेत्र के ही करीब 250 कॉन्स्टेबलों ने पुलिस इंस्पेक्टर का प्रभार लेने से इनकार कर दिया है।

ग्वालियर चंबल रेंज के आईजी मनोज शर्मा का कहना है कि ग्वालियर, दतिया, गुना, शिवपुरी, मुरैना, श्योपुर के कई आरक्षक उच्च पद का प्रभार लेने को तैयार नहीं हैं। उनके स्थान पर जूनियर पुलिसकर्मियों को प्रभार दिया जाएगा। पुराने आदेश निरस्त कर नए आदेश जारी होंगे।

दरअसल मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने पुलिस विभाग में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की है। यह प्रक्रिया काफी लंबे समय से लंबित थी। इसके तहत प्रदेश के कॉन्स्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर्स रैंक तक के लोगों को पदों का प्रभार दिया गया है। इसके तहत हेड कॉन्स्टेबल को असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर का प्रभार दिया रहा है, लेकिन इस प्रभार यह प्रभार लेने के लिए उनका जिले से बाहर ट्रांसफर किया जा रहा है। अब जिले से बाहर भेजे जाने की शर्त पुलिसकर्मियों को रास नहीं आ रही है। ग्वालियर चंबल अंचल के करीब 250 कॉन्स्टेबलों ने इस फर्जी प्रमोशन लेने से इनकार कर दिया है। इस स्थिति में अब जूनियर पुलिसकर्मियों को ऊंचे पदों का प्रभार देने की प्रोसेस शुरु की जा रही है।

गौरतलब है कि श्योपुर जिले में करीब 55 हेड कॉन्सटेबलों का प्रमोशन हुआ था, इन्हें एएसआई का प्रभार दिया गया है। अब इनमें से कई हेड कॉन्सटेबलों ने प्रमोशन निरस्त करने की मांग की है। दरअसल यह स्थाई प्रमोशन नहीं है, हेड कॉन्स्टेबलों को जारी आदेश में साफ साफ लिखा है कि उन्हें दिया गया उच्च पद का प्रभार एक नोटिस देकर समाप्त किया जा सकता है। कहने को तो उनका प्रमोशन हो रहा है लेकिन सच्चाई बिल्कुल उलट है, ना तो उनकी सैलरी में इजाफा हो रहा है, और ना ही कोई स्पेशल भत्ता दिया जाएगा। साथ ही उनके सर्विस रोल में भी उनकी पदोन्नती मेंशन नहीं होगी।

सर्विस रोल में उनकी ओरिजनल पोस्ट हेड कॉन्स्टेबल ही लिखा जाएगा। कई हेड कॉन्स्टेबलों का मानना है कि जब सर्विस रोल में ही किसी तरह का रिकॉर्ड दर्ज नहीं होगा तो इतने झंझटें कौन मोल ले। इन्हीं परेशानियों की वजह से सैकड़ों हेड कॉन्स्टेबलों ने इस बिना सैलरी वाले प्रमोशन को लेने से इनकार कर दिया है।

इस बारे में पुलिस हेड क्वार्टर भोपाल का कहना है कि पुलिसकर्मियों को उच्च पद लेने की कोई बाध्यता नही हैं, अगर कोई प्रमोशन नहीं लेना चाहता तो उसके जूनियर को उच्च पद पर प्रभार देने के लिए आदेश जारी किया जाएगा। एडीजी प्रशासन अन्वेश मंगलम का कहना है कि यह प्रमोशन नहीं है, व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदारियां बदली हैं।