मध्य प्रदेश में पुराने तरीक़े से ही होंगी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं

सरकार ने बदला एमपी बोर्ड के अध्यक्ष का फैसला, बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न किया रद्द, विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए कहा पुराने तरीके से होगी बोर्ड परीक्षा, मंत्री और अफसरों की तनातनी उजागर

Updated: Feb 05, 2021, 06:51 AM IST

Photo courtesy: DNA
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भोपाल। सरकार ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पुराने तरीके से लेने का फैसला लिया है। अब 30 ऑब्जेक्टिव सवालों के जवाब OMR शीट में देने के फैसले को निरस्त कर दिया गया है। छात्रों को पिछले वर्षों की तरह ही परीक्षा देनी होगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल अध्यक्ष जुलानिया ने बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव किया था। जिससे कुछ अफसर और शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सहमत नहीं थे। विवाद की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल अधिनियम की धारा-9 का प्रयोग करते हुए सभी निर्देशों को रद्द करने का फैसला किया है।

इससे पहले कहा गया था कि 2021 में 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रश्नों की संख्या 30 होगी। वहीं 20 सब्जेक्टिव टाइप सवालों के उत्तर लिखने थे। हर सब्जेक्ट में 30-30 सवाल ऑब्जेक्टिव टाइप के पूछे जाने थे, जिसे OMR शीट में एक घंटे में भर कर देना था। बाकी सब्जेक्टिव सवालों के उत्तर कापियों में लिखकर जमा करने थे। 20 सवालों में से 10 सवाल 3 नंबर के औऱ 10 सवाल 4 नंबर के पूछे जाने थे। इतना ही नहीं बोर्ड ने पैटर्न भी जारी कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने इसे एक बार फिर बदल दिया है।

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इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि रेग्यूलर क्लास नहीं लगी हैं, इसलिए नए पैटर्न पर परीक्षा कराना उचित नहीं है। अब परीक्षा 100 नंबर की होगी, जिसमें 25 नंबर के आब्जेक्टिव सवाल होंगे, फिर दो नंबर के पांच सवाल, 3 नंबर के चार सवाल, 4 नंबर के सात सवाल और 5 नंबर के पांच सवाल पूछे जाएंगे। पांच नंबर वाले सवाल निबंधात्मक होंगे।

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एमपी बोर्ड की 10वीं क्लास की परीक्षा 30 अप्रैल से और 12वीं की परीक्षा एक मई से होनी है। विभाग और सरकार के बार बार परीक्षा पैटर्न में चेंज करने से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस साल प्रदेश भर में करीब 18 लाख विद्यार्थी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होंगे।