MP Cabinet Expansion : CM के बचाव में उतरे मंत्री नरोत्‍तम मिश्रा

Congress : विभागों का वितरण‌ 'बीरबल की खिचड़ी' बन गया, मंत्री नरोत्‍तम मिश्रा का पलटवार

Publish: Jul 07, 2020, 03:24 AM IST

source: the hindu
source: the hindu

मुख्‍यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 2 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्‍तार किया था मगर अब तक वे मंत्रियों में विभाग वितरण नहीं कर पाए हैं। इस पर कांग्रेस लगातार मुख्‍यमंत्री और बीजेपी को घेर रही है। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में हो रही देरी पर स्वास्थ्य व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सरकार का बचाव किया है। नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है। विभागों का बंटवारा पूर्णतः मुख्यमंत्री की इच्छा व विवेक पर निर्भर करता है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को मंत्रिमंडल में मंत्रियों के विभाग के बंटवारे को लेकर नसीहत न देने की सलाह दी है। मिश्रा ने यह बात पूर्व मंत्री गोविंद सिंह के बयान के जवाब में कही। नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह पर पलटवार करते हुए कहा है कि बीजेपी में किस नेता को कौनसा विभाग दिया जाएगा यह गोविंद सिंह नहीं तय कर सकते। कांग्रेस के लोग अगर इतनी ही चिंता अपनी पार्टी की कर लेते तो आज कांग्रेस को विपक्ष में नहीं बैठना पड़ता। गौरतलब है कि है कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा था कि सिंधिया घराना ज़मीनों को हड़पने का काम करता है। ऐसे में सिंधिया के किसी भी समर्थक मंत्री को राजस्व विभाग देना सही नहीं होगा।

मंत्रिमंडल में विभागों का वितरण बना बीरबल की खिचड़ी !

इधर मंत्रिमंडल विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। केके मिश्रा ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में विभागों का वितरण‌ 'बीरबल की खिचड़ी' बन गया है।

मिश्रा ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा है कि खुद को जनसेवक बताने वाले लोगों को मलाईदार मंत्रालय की मांग पर अड़ गए हैं। मिश्रा ने सिंधिया घराने पर भी निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए कहा है कि 'हमने तीन पीढ़ियों के चरित्र को भोगा है, अब आपकी बारी है।' दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया और पिता माधव राव सिंधिया भी कांग्रेस में थे। लेकिन बाद में दोनों ने ही कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी।हालांकि माधवराव सिंधिया बाद में वापस कांग्रेस में शामिल हो गए थे।