शिवराज सरकार लाएगी कथित लव जिहाद के नाम पर धर्मांतरण रोकने का क़ानून
नए क़ानून में 5 साल तक की कड़ी सज़ा का प्रावधान होगा, मददगार भी उतने ही क़सूरवार माने जाएंगे, अपनी मर्ज़ी से धर्म बदलने के लिए भी कलेक्टर को 1 महीने पहले आवेदन करना होगा

भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार धर्मांतरण और कथित लव जिहाद रोकने के लिए नया कानून लाएगी। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि इसके लिए विधानसभा के आगामी सत्र में ही विधेयक लाया जाएगा। नरोत्तम मिश्रा ने इस नए कानून के प्रावधानों के बारे में जो बातें मीडिया के सामने रखी हैं, उनसे तो यही लगता है कि कथित तौर पर लव जिहाद रोकने के नाम पर लाए जा रहे इस कानून के जरिये नागरिकों के अपना धर्म चुनने के अधिकार पर तरह-तरह की बंदिशें लगाई जाएंगी। मिसाल के तौर पर अगर कोई शख्स अपनी मर्ज़ी से धर्म बदलना चाहता है, तो भी उसे एक महीने पहले कलेक्टर के पास आवेदन देना होगा। गृह मंत्री का कहना है कि कलेक्टर की अनुमति के बिना धर्म बदलने वालों को सज़ा देने का प्रावधान भी इस कानून में किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि धार्मिक स्वतंत्रता पर बंदिशें लगाने वाले इस कानून को मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल यानी मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक का नाम दिया जाएगा। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि यह बिल विधानसभा के इसी सत्र में पेश किया जाएगा। गृह मंत्री का दावा है कि मध्य प्रदेश सरकार यह नया कानून प्रदेश में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने में कारगर साबित होगा। मिश्रा ने बताया कि इस कानून में आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज करने और दोषियों को 5 साल तक की कड़ी सज़ा दिलाने का इंतज़ाम किया जाएगा।
सरकार प्रदेश में धर्मांतरण के लिए विवाह पर रोक लगाने वाला विधेयक विधानसभा के अगले सत्र में लाने की तैयारी कर रही है। इसे गैर जमानती अपराध घोषित कर मुख्य आरोपी और इसमें सहभागियों को 5 साल की कठोर सजा का प्रावधान किया जा रहा है।@BJP4MP @mohdept @DGP_MP pic.twitter.com/59bTrpl6Pn
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) November 17, 2020
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक इस कानून के जरिए लव जिहाद में सहयोग करने वालों को भी अपराधी घोषित किया जाएगा और उन्हें भी मुख्य आरोपी की तरह ही सजा का प्रावधान होगा। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस कानून में शादी के लिए धर्मांतरण कराने वालों को सज़ा देने का प्रावधान भी किया जाएगा। अगर कोई अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे भी एक महीने पहले कलेक्टर के पास आवेदन देना होगा। बिना आवेदन के धर्मांतरण करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि बीजेपी की सरकारों वाले उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक जैसे कई और राज्य भी ऐसे ही कानून बनाने की बात कर रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि जिस कथित लव जिहाद को रोकने के नाम पर ऐसे कानून बनाने की बातें बढ़-चढ़कर की जा रही हैं, उसके बारे में खुद बीजेपी की मोदी सरकार बिलकुल अलग राय रखती है। मोदी सरकार संसद में दिए एक लिखित जवाब में मान चुकी है कि देश में लव जिहाद जैसे किसी अपराध का कोई अस्तित्व नहीं है और न ही ऐसे मामले उसकी जानकारी में हैं। फिर भी बीजेपी की राज्य सरकारें लव जिहाद को लेकर इतना शोर मचा रही हैं, मानो उनके सामने सबसे ज्वलंत मुद्दा यही हो। जबकि इन सभी राज्यों में एसिड अटैक, गैंगरेप के बाद मर्डर, बच्चियों के साथ दरिंदगी और दबंगों की छेड़खानी का विरोध करने पर जिंदा जलाने जैसे केस आये दिन होते रहते हैं। जो सरकारें ऐसे मामलों को रोकने में बुरी तरह नाकाम हैं, वे एक काल्पनिक अपराध का हौवा खड़ा करके क्या हासिल करना चाहती हैं, ये समझना अगर बिलकुल आसान नहीं तो बहुत मुश्किल भी नहीं है।