इंदौर की 6 विधानसभा सीटों पर बीजेपी में खुली बगावत, चुनाव पूर्व अंतर्कलह रोकना बड़ी चुनौती

विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी में अंतर्कलह बढ़ती नजर आ रही है, इंदौर के 9 में से 6 सीटों पर बीजेपी के दावेदार एक दूसरे के आमने सामने हैं और खुलकर विरोध कर रहे हैं।

Updated: Aug 31, 2023, 07:18 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले अंतर्कलह रोकना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। भाजपा ने हारी हुई जिन 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, उनमें से अधिकांश सीटों पर घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। अब मौजूदा विधायक और मंत्रियों के खिलाफ भी विरोध के सुर उठने लगे हैं। अकेले इंदौर में 6 सीटों पर बीजेपी अंतर्कलह और गुटबाजी से जूझ रही है।

दरअसल, मध्य प्रदेश में भाजपा का ऐसे सीटों पर भी विरोध शुरू हो गया है, जहां चुनाव की तैयारी में लगे नेताओं को टिकट मिलने की संभावना है। इंदौर जिले की 9 में से 6 सीटों पर गुटबाजी और बगावती तेवर सामने आ रहे हैं। कहीं कार्यकर्ताओं ने सीक्रेट मीटिंग कर आलाकमान को खून से चिट्‌ठी लिख दी, तो कहीं रैली निकालकर अपना रुख जता दिया है। भोपाल तक प्रदर्शन भी कर दिया गया है। इन सीटों पर मौजूदा विधायकों या संभावित प्रत्याशी के विरोध ने पार्टी को टेंशन में डाल दिया है। यही वजह है कि पार्टी ने बड़े नेताओं को डैमेज कंट्रोल में लगा दिया है।

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सत्ताधारी दल बीजेपी को इंदौर-1, 4, 5, राऊ, महू और देपालपुर सीट पर अपनों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। इन सीटों पर घोषित और संभावित प्रत्याशियों के विरोध में स्थानीय नेताओं ने मोर्चा खोल रखा हैं। प्रत्याशियों ने अपने जो प्लस पॉइंट बताकर दावेदारी मजबूत की है, इनके विरोधी उन्हें ही माइनस पॉइंट बता रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इंदौर की सीटों पर बीजेपी के भीतर जो अंतर्कलह मची है उसकी कहानी सुमित्रा महाजन और कैलाश विजयवर्गीय के समर्थकों के बीच ही घूम रही है।

दरअसल, दोनों नेताओं ने अपने समर्थकों को मैदान में डटे रहने की नसीहत दी है। ऐसे में उनके समर्थक आपस में एक दूसरे के खिलाफ तमाम षड्यंत्र रच रहे हैं। उदाहरण के तौर पर देवास सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र से कैलाश विजयवर्गीय अपने खास समर्थक सूरज कैरो के लिए टिकट चाहते थे। हालांकि, सुमित्रा महाजन के के कारण राजेश सोनकर बाजी मार गए। नतीजा यह रहा कि दोनों तरफ से शक्ति प्रदर्शन शुरू हो गया है।

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राजेश सोनकर का सोनकच्छ से नाम सामने आते ही सबसे पहले इंदौर-5 सीट पर विधायक व पूर्व मंत्री महेंद्र हार्डिया का विरोध शुरू हो गया। ये बागी सुर इंदौर-1 सीट पर सुदर्शन गुप्ता से होते हुए इंदौर-4 पर मालिनी गौड़ तक पहुंच गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक दो दिन पहले विजयवर्गीय समर्थक रमेश मेंदोला की सीट इंदौर-2 पर सियासी समीकरण टटोलने आए चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, सुमित्रा से भी मुलाकात करके गए हैं। इससे माना जा रहा है कि टिकट वितरण में ताई अपनी बात रख चुकी हैं और रमेश मेंदोला का पत्ता साफ हो सकता है। 

पार्टी में उपजे इस आपसी खींचतान ने शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस बात से परेशान है कि पिछले तीन महीने से पार्टी में भगदड़ की स्थिति है। एक के बाद एक बड़े नेता भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दी है। हालांकि, अबतक जो परिस्थितियां हैं, तोमर अंतर्कलह रोकने में असमर्थ हैं।