कई-कई घंटे बिजली गायब है, झूठे आंकड़े दे रही सरकार, MP में अघोषित बिजली कटौती पर बरसे कमलनाथ

प्रदेश में बिजली की मांग 12 हजार मेगावाट की है, लेकिन 10 हजार मेगावाट बिजली ही मिल रही है, 2 हजार मेगावाट बिजली की कमी के लिए ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती शुरू कर दी गई है

Updated: Apr 27, 2022, 08:40 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेशभर में बिजली और पानी के गहराते संकट को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। कमलनाथ ने कहा है कि कई-कई घंटे बिजली गायब है, लेकिन सरकार झूठे आंकड़े पेश कर रही है। उन्होंने कहा है कि बिजली और पानी की किल्लत से जनता परेशान है।

कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्यप्रदेश में दिन-प्रतिदिन बिजली का संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति भयावह होती जा रही है, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती जारी है। कई-कई घंटे बिजली ग़ायब है, जिससे भीषण गर्मी के इस दौर में जनता परेशान हो रही है, पानी का भी संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है लेकिन सरकार सच्चाई स्वीकारने को तैयार नहीं है।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा है कि, 'अभी भी झूठे आंकड़े पेश कर बिजली संकट, जल संकट और कोयले के संकट को नकारा जा रहा है। सरकार इस दिशा में तत्काल आवश्यक सभी कदम उठाकर जनता को राहत प्रदान करे और प्रदेश की जनता को कोयला संकट, बिजली की माँग व आपूर्ति एवं जलसंकट पर वास्तविकता व सच्चाई बताये।' 

दरअसल, प्रदेश में बिजली की मांग 12 हजार मेगावाट की है, लेकिन 10 हजार मेगावाट बिजली ही मिल रही है। 2 हजार मेगावाट बिजली की कमी के लिए ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती शुरू कर दी गई है। यहां तक कि अब राजधानी भोपाल में भी बिजली गुल रहने लगी है। बताया जा रहा है कि कोयला संकट को वजह से बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है। अप्रैल में हालत ये है तो मई जून में स्थिति और खराब रहने की आशंका है।

यह भी पढ़ें: मोदी जी, बंद कराइए नफरत की राजनीति, 108 पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री को लिखा खुला खत 

स्वयं बीजेपी के विधायक भी बिजली संकट की बात स्वीकार रहे हैं। पाटन विधानसभा से BJP विधायक अजय विश्नोई ने CM शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि अगर बिजली कटौती जरूरी ही है, तो इसे शेड्यूल कर दिया जाए। विधायक ने अपना इनपुट सरकार को भेजकर बता दिया है कि हालात ठीक नहीं हैं। बावजूद, सरकारी अधिकारी कह रहे हैं कि मेंटेनेंस के लिए बिजली कटौती हो रही है।