भोपाल में नेशनल हेराल्ड की प्रॉपर्टी सील करने की तैयारी, प्रेस के लिए आवंटित जमीन विशाल मेगा मार्ट को देने का आरोप

शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि भोपाल स्थित नेशनल हेराल्ड की प्रॉपर्टी को सील किया जाएगा, उन्होंने आरोप लगाया कि हेराल्ड दफ्तर में विशाल मेगा मार्ट सहित कई कमर्शियल दफ्तर काम कर रहे

Updated: Aug 04, 2022, 01:55 PM IST

भोपाल। नेशनल हेराल्ड केस में केंद्रीय एजेंसियां लगतार जांच और पूछताछ कर रही है। राजधानी दिल्ली में ईडी ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग के अंदर मौजूद यंग इंडिया के ऑफिस को सील कर दिया था। अब इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी भोपाल में मौजूद हेराल्ड दफ्तर को सील करने की तैयारी में है। शिवराज कैबिनेट में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस बात की जानकारी दी है।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मीडियाकर्मियों से कहा कि, 'नेशनल हेराल्ड ने फ्रीडम फाइटर्स के नाम पर जमीन ली गई थी। जिसका कमर्शियल यूज किया जा रहा है। वर्तमान में नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में ‘विशाल मेगा मार्ट’ समेत कई कमर्शियल दफ्तर संचालित हैं। जांच के बाद प्रॉपर्टी सील कराई जाएगी। साथ ही, जिन अफसरों ने प्रॉपर्टी के लैंड यूज में बदलाव किया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।'

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भूपेंद्र सिंह कहा कि IAS स्तर का कोई अधिकारी ही इस पूरे मामले की एक महीने के भीतर जांच करेगा और उन्हें उसकी विस्तृत रिपोर्ट दी जाएगी। मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता हो या फिर BDA के कर्मचारी/अधिकारी, सबके खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल हेराल्ड को साल 1981 में 1.14 एकड़ आकार का प्लॉट दिया गया था। यह प्लॉट 30 साल की लीज पर दिया गया था और भोपाल विकास प्राधिकरण के मुताबिक उस समय इस जमीन का मूल्य करीब 1 लाख रुपए प्रति एकड़ था।

आरोप है कि 2011 में जब लीज खत्म होने पर भोपाल विकास प्राधिकरण यहां अपना मालिकाना हक लेने पहुंचा तो पाया गया कि यहां प्लॉट पर बड़ा व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बन गया है और कई शोरूम खुल गए हैं। साल 2012 में भोपाल विकास प्राधिकरण ने इस प्लॉट की लीज को रद्द कर दिया था। हालांकि, तब से लेकर अब तक इस प्लॉट के अलग-अलग खरीददार और भोपाल विकास प्राधिकरण के बीच मालिकाना हक को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन है।