राहुल गांधी के लिए दिवानगी की इंतहा: मुलाकात की आस में 14 वर्षों से नहीं खाया अन्न, अब पैदल दिल्ली के लिए निकला युवक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने की ख्वाहिश लिए एक युवक पैदल ही अपने गांव से दिल्ली के निकल पड़ा है। युवक का दावा है कि राहुल गांधी से मिलने की जिद पर वह 14 सालों से केवल दूध पर जीवित है। अन्न, फल, फूल और सब्जी त्याग कर चुका है।

Updated: Apr 12, 2023, 04:00 PM IST

अशोकनगर। देश में राहुल गांधी के चाहने वालों की कमी नहीं है। राहुल गांधी से मिलने या उनकी एक झलक पाने के लिए लोग कुछ भी कर गुजरते हैं। लेकिन राहुल गांधी से मिलने की आस में मध्य प्रदेश के एक युवक ने जितनी तपस्या की है, वह शायद किसी ने नहीं की होगी। युवक का दावा है कि राहुल गांधी से मिलने के लिए उसने 14 वर्षों से अन्न त्याग रखा है। इसके बाद भी जब राहुल गांधी से उसकी मुलाकात नहीं हुई तो अब वह पैदल मुंगावली से दिल्ली के लिए निकल पड़ा है।

हम बात कर रहे हैं मुंगावली विधानसभा के बमोरी खुटिया गांव के रहने बाले महेंद्र सिंह कटारिया की। महेंद्र के परिजनों ने बताया कि वह राहुल गांधी से मिलने की जिद पर पिछले 14 सालों से फल, सब्जी त्यागकर केवल दूध के सहारे रहकर उपवास कर रहा है। वह साल 2009 से ही अन्न त्याग कर भगवान महादेव की उपासना कर रहा है, ताकि महादेव उसे अपने नेता राहुल गांधी से मिलवा दें। उसने राहुल गांधी से मिलने के लिए तमाम कोशिशें की लेकिन वह सफल नहीं हो सका।

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14 साल की तपस्या पूरी करने के बाद महेंद्र सिंह कटारिया राहुल से मिलने के लिए घर से निकल पड़ा है। राहुल गांधी को लेकर महेंद्र की दिवानगी ऐसी ही की उसने प्रण लिया है कि राहुल से मिले बगैर वह अपने घर वापस नहीं लौटेगा। महेंद्र पैदल दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं, ताकि वहां जाकर वह राहुल गांधी से मिल सकें। महेंद्र की यह जिद केवल अपने पसंदीदा नेता राहुल गांधी से मिलने की है, इसके अलावा वह और कुछ नहीं चाहते।

महेन्द्र की इस जिद से उनके परिवार वाले भी बहुत तनाव में हैं। महेन्द्र के परिजनों ने मध्य प्रदेश के कई नेताओं ने पत्र के माध्यम से व सीधी मुलाकात कर उसे राहुल गांधी से मिलवाने की गुहार लगा चुके हैं। युवक जब पैदल ही राहुल गांधी से मिलने के लिए अपने गांव से निकला तो स्थानीय लोग एवं कांग्रेस नेताओं ने माला पहनाकर स्वागत करते हुए उसका उत्साहवर्धन भी किया। अब देखने वाली बात यह होगी कि उसकी पैदल यात्रा के बाद वह दिल्ली पहुंचकर अपने नेता से मिलने की महेंद्र की ख्वाहिश पूरी होती है या नहीं।