Rajvardhan Singh Dattigaon: बदनावर से तीन बार कांग्रेस विधायक रह चुके राजवर्धन सिंह दत्तीगांव इस बार बीजेपी उम्मीदवार

Badnawar: बदनावर में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में पहुंचे राजवर्धन सिंह का मुकाबला कांग्रेस के कमल सिंह पटेल से है

Updated: Oct 12, 2020, 05:43 PM IST

Photo Courtesy: Naidunia
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भोपाल। मध्य प्रदेश की बदनावर विधानसभा की सीट पर बीजेपी ने तीन बार के कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को टिकट दिया है। राजवर्धन भी कांग्रेस के उन विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने पाला बदलकर कमलनाथ सरकार गिराई और फिर बीजेपी में शामिल हो गए। जयपुर में जन्मे राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का ताल्लुक दत्तीगांव राज घराने से है। राजवर्धन की प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज से हुई थी। बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से  ग्रेजुएशन और भारतीय जन संचार संस्थान से जनसम्पर्क की पढ़ाई की।

राजवर्धन ने छात्र जीवन के दौरान राजनीति में भाग नहीं लिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक विदेशी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के तौर  पर नौकरी भी की। 1998 में उनके पिता प्रेम सिंह को कांग्रेस ने बदनावर से उम्मीदवार नहीं बनाया तो राजवर्धन ने खुद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। लेकिन उस चुनाव में उन्हें नाकामी का सामना करना पड़ा और जीत बीजेपी के खेमराज पाटीदार की हुई।

अपना पहला चुनाव निर्दलीय के तौर पर हारने के बाद राजवर्धन कांग्रेस में शामिल हो गए। 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें बदनावर से अपना प्रत्याशी बनाया। इस बार उन्हें जीत हासिल हुई। इसके बाद 2008 में भी वे कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। 2018 में राजवर्धन तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर ही बदनावर से जीतकर विधानसभा पहुंचे। इस दरमियान वे 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रचार समिति के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव भी रहे। लेकिन 2020 में वे कमलनाथ सरकार को गिराने की मुहिम में शामिल हो गए। आखिरकार उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के दलबदलू गुट का साथ दिया और बीजेपी में चले आए।