प्रशासन पर लगा सरदार पटेल के अनादर का आऱोप, मूर्ति हटाने के खिलाफ रतलाम कलेक्ट्रेट पर ग्रामीणों का प्रदर्शन

रतलाम के रोजाना गांव में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन प्रशासन हटाई मूर्ति, बोले सरकारी जमीन पर बिना परमीशन की गई मूर्ति स्थापना, सोमवार को ग्रामीणों के कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, दोषियों पर कार्रवाई की मांग

Updated: Nov 01, 2021, 01:29 PM IST

Photo Courtesy: bhaskar
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रतलाम। जिले की जावर तहसील के रोजाना गांव में प्रशासन की लापरवाही का एक नमूना देखने को मिला है। यहां लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन हीं उनकी प्रतिमा हटा दी गई। प्रशासन का आऱोप है कि मूर्ति सरकारी जमीन पर लगाई गई थी। इस मूर्ति को पाटीदार समाज के लोगों ने लगवाया था।

जब देशभर में 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर अखंडता दिवस मनाया जा रहा था तभी रतलाम के रोजाना गांव में प्रशासन ने लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा हटाई। अब उनकी प्रतिमा हटाने से गुस्साए पाटीदार समाज ने रतलाम कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया। गांव वालों का आरोप है कि प्रशासन ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन ही उनकी मूर्ति तोड़कर महान नेता को अपमानित किया है। ग्रामीणों ने स्थानीय सचिव, पटवारी और तहसीलदार पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं इस मामले में प्रशासन का कहना  है पाटीदार समाज के लोगों ने गांव में बिना परमीशन सरकारी जमीन पर सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित की थी। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है, क्लेक्टर ने परिसर मे हंगामा बढ़ता देख उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 

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दरअसल रतलाम का रोजाना नाम का यह गांव जावर तहसील में आता है। इस गांव की खासियत है कि इस 4 हजार आबादी वाले इस गांव में 100 से ज्यादा फौजी है। गांव के हर चौथे- पांचवें परिवार से सेन में लोग हैं तो BSF, CRPF  समेत प्रदेश की पुलिस में सेवा दे रहा है। ग्रामीण सरदार पटेल पर आस्था रखते हैं।