रामायण सर्किट ट्रेन के वेटर्स की भगवा ड्रेस को लेकर मचा बवाल, संत समाज ने जताई आपत्ति

रामायण एक्सप्रेस ट्रेन के वेटर्स भगवा धोती, कुर्ता और रुद्राक्ष की माला पहनकर उठा रहे यात्रियों को जूठे बर्तन, संतों ने रेल मंत्री से ड्रेस कोड बदलने की मांग की, मांग नहीं मानने पर रेल रोकने की दी धमकी

Updated: Nov 22, 2021, 09:51 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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उज्जैन। भगवान राम से जुड़े तीर्थ स्थानों की यात्रा के किए भारतीय रेलवे ने  रामायण सर्किट ट्रेन शुरू की है। अब इस स्पेशल ट्रेन को लेकर विवाद हो गया है। इस ट्रेन में वेटर्स को भगवा धोती कुर्ता, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। भगवा पोषाक में वेटर का काम करवाने को लेकर लेकर संत समाज का गुस्सा फूट पड़ा है। गुस्साए संत समाज ने चुनौती दी है कि यदि रेलवे ने इस ड्रेस कोड को जल्द से जल्द नहीं बदला तो साधू संत आगामी रामायण एक्सप्रेस ट्रेन का विरोध करेंगे। वेटर्स की ड्रेस बदलने को लेकर उज्जैन के संत समाज ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव  को पत्र लिखकर विरोध जताया है। संतों ने चेतावनी दी है कि अगर वेटर्स की भगवा ड्रेस नहीं बदली गई तो 12 दिसंबर से शुरू होने वाले ट्रेन की अगली ट्रिप का पुरजोर विरोध किया जाएगा। संतों ने आगामी रामायण एक्सप्रेस ट्रेन रोकनी की धमकी भी दी है।

उज्जैन के साधु-संतों का आरोप है कि रामायण सर्किट ट्रेन में वेटर्स भगवा वस्त्र और रुद्राक्ष की माला पहनकर यात्रियों के जूठे बर्तन उठाते हैं। लोगों को खाना परोसते हैं, टेबल साफ करते हैं। उनका कहना है कि यह संत समाज का अपमान है। संतों की मांग है कि रामायण एक्सप्रेस ट्रेन के वेटर्स की ड्रेस जल्द से जल्द बदली जाए।

यह रामायण एक्सप्रेस ट्रेन 17 दिनों में साढ़े सात हजार किलोमीटर की दूरी तय करती है। जो कि दिल्ली से शुरू होकर प्रयागराज, काशी, चित्रकूट, नासिक, जनकपुर, सीतामढ़ी, श्रृंगवेरपुर, प्राचीन किष्किंधा नगरी हम्पी और रामेश्वरम से गुजरकर 17 दिनों में दिल्ली पहुंचती है।

वहीं इस ट्रेन में सवार यात्रियों को कई स्थानों पर सड़क मार्ग से ले जाया जा रहा है। अयोध्या से ही टूरिज्म विभाग की बसों द्वारा नंदीग्राम, जनकपुर, सीतामढ़ी के रास्ते नेपाल तक घुमाया जाता है। वहीं नासिक में पंचवटी और त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण भी सड़क मार्ग  से करवाया जाता है। नासिक से यात्रियों को किष्किंधा नगरी हंपी घुमाया जाता है, यहीं पर अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान जन्मस्थल है, यह ट्रेन रामेश्वरम पहुंचती है जहां धनुषकोटी के दर्शन करवाए जाते हैं। रामेश्वरम से चलकर यह ट्रेन 17वें दिन वापस दिल्ली पहुंचती है। यह ट्रेन CCTV से लेस है, यहां इलेक्ट्रानिक लॉकर, थके हुए यात्रियों के लिए फुट मसाजर, छोटी लाइब्रेरी, साफ सुथरे टॉयलेट्स और शॉवर क्यूबिकल भी उपलब्ध कराए गए हैं।  

रामायण सर्किट ट्रेन के AC फर्स्ट क्लास का किराया 1,02,095 रुपये और सेकंड AC का 82,950 रुपये प्रति व्यक्ति है। जिसमें पूरी यात्रा के दौरान रहना खाना, सड़क मार्ग का किराया औऱ रेल का किराया शामिल है। रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों को सात्विक खाना परोसा जा रहा है। अब यहां काम करने वाले वेटर्स की भगवा ड्रेस को लेकर बवाल मच गया है।