केंद्रीय विद्यालय में नमाज़ पर एमपी प्रज्ञा ठाकुर ने जताई आपत्ति, स्कूल के प्रिंसिपल से की अभद्रता

साध्वी प्रज्ञा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे भोपाल स्थित केंद्रीय विद्यालय के एक प्रिंसिपल को फटकार लगाते हुए नज़र आ रही हैं, साध्वी का दावा है कि स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियां असुरक्षित हैं, क्योंकि यहां पर लोग नमाज़ पढ़ते हैं

Updated: Oct 22, 2021, 04:49 PM IST

भोपाल। हमेशा अपनी बेतुकी और विवादित बयानबाज़ी को लेकर मीडिया में सुर्खियों में बनी रहने वालीं बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार चर्चा का कारण केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल से अभद्रता से पेश आना बना है। साध्वी ने भोपाल स्थित केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल के कार्यालय में घुसकर उन्हें फटकार लगाई और साथ ही कार्रवाई करने की धमकी भी दे डाली।  

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बीजेपी नेता किसी स्कूल के प्रिंसिपल से अभद्र व्यवहार करती हुई नज़र आ रही हैं। वीडियो में साध्वी प्रज्ञा पहले स्कूल के किसी कर्मचारी को तेज़ आवाज़ में फटकार लगाती हुई दिखाई दी रही हैं। इसके बाद साध्वी प्रिंसिपल को फटकार लगाते हुए कह रही हैं कि अगर यहां कोई घटना हो जाएगी तब आप जागेंगे? सावधान रहिए, मैं कार्रवाई करूंगी आपके खिलाफ। इतना कहते हुए बीजेपी नेता वहां से निकल आती हैं।  

वायरल वीडियो के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह भोपाल के सात नंबर बस स्टॉप के पास केंद्रीय विद्यालय क्रमांक दो का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साध्वी प्रज्ञा ने दावा किया है कि स्कूल के बाहर गुमटी लगाने वालों ने विद्यालय में नमाज़ पढ़े जाने की बात बताई थी। जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा स्कूल में दाखिल हो गईं और प्रिंसिपल पर बरस पड़ीं। 

साध्वी प्रज्ञा का दावा है कि विद्यालय में स्थित अस्थाई मस्जिद में नमाज़ पढ़ी जाती है। कथित तौर पर नमाज़ पढ़े जाने को लेकर साध्वी को आपत्ति इसलिए है क्योंकि उनकी नज़र में स्कूल की छात्राएं असुरक्षित हैं। साध्वी के दावे के मुताबिक स्कूल में बनी अस्थाई मस्जिद में पहले 15 लोग नमाज़ पढ़ने आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 300 हो गई है। 

दूसरी तरफ स्कूल के प्रिंसिपल एसके पाठक का एक बयान भी मीडिया रिपोर्ट में सामने आया है। जिसमें प्रिंसिपल के हवाले से कहा गया है कि कुछ लोगों की शिकायत पर साध्वी स्कूल में दाखिल हुई थीं। जबकि स्कूल पूरी तरह से बच्चों के लिए सुरक्षित है। स्कूल में सुरक्षा कर्मी मुस्तैदी से तैनात रहते हैं। खुद स्कूल के शिक्षक बच्चों की देखरेख करते हैं।