अब तानसेन नगर कहलाएगी संगीत सम्राट की जन्मस्थली बेहट गांव, सीएम शिवराज का ऐलान

ग्वालियर पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दुनिया भर में मशहूर संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट गांव का नाम बदलने का ऐलान किया है। उन्होंने बेहट का नाम बदलकर तानसेन नगर करने की घोषणा की है।

Publish: Jun 09, 2023, 04:25 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संगीत सम्राट तानसेन की जन्म स्थली का नाम बदल दिया है। उनकी जन्मस्थली बेहट अब तानसेन नगर के नाम से जाना जाएगा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को बेहट पहुंचे थे, यहां एक सभा के दौरान उन्होंने गांव का नाम बदलकर तानसेन नगर करने का ऐलान किया है। साथ ही कहा कि यहां महाविद्यालय भी खोला जाएगा।

बता दें कि ग्वालियर से 45 किलोमीटर दूर बेहट गांव में संगीत सम्राट तानसेन की जन्म स्थली है। यहीं पर वह बकरी चराने के लिए जाते थे। इसके साथ ही बेहट गांव में उन्होंने संगीत सीखने की शुरुआत की थी। यह बेहट गांव काफी पिछड़ा इलाका माना जाता है लेकिन यहां पर संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। हाल में ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे पर्यटन स्थल में शामिल किया है। बेहट गांव में हर साल मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग की तरफ से विश्व संगीत का आयोजन होता है। इस दौरान देश भर के तमाम संगीतकार यहां पर माथा टेकने के लिए पहुंचते हैं।

मंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बेहट गांव पूरे विश्व में तानसेन के नाम से जाना जाता है। इसलिए इस गांव को विश्व पटल पर लाने के लिए नाम बदला जा रहा है और इस बेहट गांव का नाम और तानसेन नगर के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि बेहट गांव को और खूबसूरत बनाने के लिए जितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, उतना पैसा मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से दिया जाएगा। इसमें कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।

बता दें तानसेन का जन्म सन् 1506 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। तानसेन को मुगल बादशाह अकबर के नवरत्नों में गिना जाता है। तानसेन ने ग्वालियर में संगीत की शिक्षा ली थी। उसके बाद वे रीवा राजघराने में संगीत की सेवाएं देने लगे। धीरे-धीरे तानसेन की ख्याति बढ़ने लगी तो मुगल बादशाह अकबर ने उन्हे अपने नवरत्नों में शामिल किया। कहा जाता है तानसेन के संगीत में रूहानी ताकत थी जब वो राग मल्हार गाते थे तो बादल बरसने लगते थे।