महाकाल मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, हर हर महादेव के गूंजे जय घोष

सावन के पहले सोमवार पर भक्तों ने किए महाकाल के दर्शन, भांग, धतूरे और चंदन से किया गया विशेष श्रंगार, प्री बुकिंग के आधार पर वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों के मिला दर्शन का मौका

Updated: Jul 26, 2021, 06:56 AM IST

Photo Courtesy: face book
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उज्जैन। सावन के महीने का पहला सोमवार है। इस मौके पर प्रदेश के शिव मंदिरों में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भक्तों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मंदिर में कम समय के लिए ही प्रवेश की अनुमति दी गई। मंदिर का पट सोमवार सुबह 3 बजे से खोल दिया गया। सबसे पहले विधि विधान के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती हुई। इस भस्म आरती में केवल महाकाल मंदिर के पुजारियों, पंडों और मदंर प्रबंधन के लोगों को ही शामिल होने का मौका मिला। आम भक्तों के लिए प्रवेश की अनुमति नहीं थी। भक्तों के लिए महाकाल मंदिर की वेबसाइट पर आनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई थी। सीधे प्रसारण के माध्यम से भक्तों ने भस्म आरती देखी।

 

बाबा महाकाल का हुआ विशेष श्रंगार

पहले सावन सोमवार के मौके पर बाबा महाकाल का विशेष श्रंगार किया गया। उनके श्रंगार में फूल, बेलपत्र, भांग और चंदन का प्रयोग किया गया। महाकाल भगवान का अभिषेक जल, दूध, दही, घी, शहद, शकर और पंचामृत से किया गया। इस साल भी भस्म आरती के मौके पर भक्तों को कोरोना की वजह से प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इसलिए यहां केवल पुजारियों ने भस्म आरती की।  

सुबह 6 बजे से दिन में 11 बजे तक भक्तों ने महाकाल के दर्शन किए। पहले से बुकिंग करा चुके श्रद्धालुओं के लिए ही दर्शन की अनुमति थी। वहीं उन्हीं भक्तों को मंदिर में प्रवेश मिला जिन्होंने कोरोना वैक्सीन का कम से कम एक डोज लगवा ली थी। इस खास मौके पर मंदिर परिसर में मौजूद नंदी की प्रतिमा को भी आकर्षक ठंग से सजाया गया है।पूरे मंदिर में फूलों से साज सज्जा की गई है।

सावन में भक्तों की संख्या 3500 से बढ़ाकर 5000 की

सावन के पहले सोमवार से भादों के दूसरे सोमवार तक हर सोमवार केवल आनलाइन बुकिंग करने पर दर्शन मिलेंगे। 26 जुलाई से 6 सितंबर तक हर सोमवार को ढाई सौ रुपए के टिकट वाली एंट्री बंद रहेगी। आनलाइन बुकिंग की करने वालों की संख्या 3500 से बढ़ाकर 5000 कर दी गई है।

 

आनलाइन बुकिंग करने के बाद भक्त सुबह 6 बजे से दिन में 11 बजे के बीच दर्शन कर सकेंगे। वहीं शाम को बाबा महाकाल की भव्य सवारी निकाली जाएगी। जिसमें आम भक्तों को प्रवेश नहीं मिलेगा। केवल मंदिर प्रबंधन और प्रशासन के चुनिंदा लोग ही शामिल होंगे। भक्त शाही सवारी की भी आनलाइन दर्शन कर सकेंगे।