नेता प्रतिपक्ष की याचिका पर ED को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, चार हफ्तों के भीतर मांगा जवाब

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के दबाव में ईडी ने बिना किसी वजह उन्हें नोटिस जारी किया था। इसके विरुद्ध उन्होंने सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी।

Updated: Mar 28, 2023, 05:28 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को समन भेजना प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भारी पड़ता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी को कारण बताओ नोटिस भेजा है। सर्वोच्च अदालत ने ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत दी है। 

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को 13 जनवरी 2023 को ईडी ने समन भेजा था। इसके मुताबिक डॉ. गोविंद सिंह को 27 जनवरी को सुबह 11 बजे ED मुख्यालय में पेश होना था। हालांकि, उन्होंने ED मुख्यालय में पेश होने के बजाए अपने वकील के जरिए नोटिस भेजकर समन भेजने का कारण पूछा। लेकिन जांच एजेंसी की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इसी बात को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।

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नेता प्रतिपक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल कोर्ट में पैरवी करने थे। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच एजेंसी को नोटिस भेजकर चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के बाद डॉ सिंह ने कहा कि, 'केन्द्र सरकार के दबाव में ईडी ने बिना किसी कारण नोटिस जारी किया था। मुझे न्यायालय से उम्मीद है कि मेरे साथ न्याय होगा और देश में जो तानाशाही चल रही है उसपर, अंकुश लगेगा।'

इसके पहले सिंह ने कहा था कि, 'ED केवल भाजपा के एजेंट के तौर पर काम कर रही है। इसी साल मध्य प्रदेश में विधानसभा होंगे। भाजपा की नाव डूबने की कगार पर है, क्योंकि इनकी नाव में कई छेद हो चुके हैं। हम भाजपा नेताओं के कारनामों को उजागर न कर सकें इसलिए सरकार ईडी के माध्यम से कांग्रेस नेताओं को परेशान कर रही है। जीवन में मैने ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिसके कारण मुझे नीचा देखना पड़े। खेती किसानी के अलावा मेरे पास कोई काम नही हैं, मेरे पास न तो कोई कंपनी है और न ही मेरे पास किसी कंपनी के शेयर हैं। बीजेपी सिर्फ विपक्ष के नेताओं को दबाने के लिए इस तरह का काम कर रही है।'