आपके लिए तो पूरा प्रदेश ही एक्टिंग का रंगमंच है, सीएम के सवाल पर कमल नाथ का तंज

पीसीसी चीफ कमल नाथ ने कलाकारों के पक्ष में आवाज उठाने का किया वादा, सीएम को खजुराहो की घटना की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि जब एक महिला कलाकार ने उनसे पेंशन की मांग की तब ख़ुद सीएम मुंह फुलाकर चल दिए 

Updated: Mar 28, 2023, 04:55 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और सीएम शिवराज के बीच एक बार फिर वार पलटवार का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश के आदिवासी कलाकारों से जुड़े सीएम शिवराज के सवाल के जवाब में कमल नाथ ने सीएम पर तंज कसा है। पीसीसी चीफ ने सीएम को एक मझा हुआ कलाकार बताते हुए कहा है कि उनके लिए पूरा प्रदेश ही एक रंगमंच है। 

कमल नाथ ने सीएम के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही हमेशा से कलाकारों के हित में काम की हैं और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही वह कलाकारों की सेवा करेगी। कमल नाथ ने सीएम को खजुराहो की घटना की याद दिलाते हुए कहा कि जब एक महिला कलाकार ने उनसे पेंशन की मांग की तब ख़ुद सीएम मुंह फुलाकर चल दिए। 

कमल नाथ ने ट्वीट किया, शिवराज जी आज आपने जो सवाल पूछा है, वह दिल से पूछा है। यह तो मैं ही क्या, पूरा प्रदेश जानता है कि आप मझे हुए अभिनेता हैं। पूरा प्रदेश ही आपकी एक्टिंग का रंगमंच है। आपने रंगमंच निर्माण की जो बात की है, तो मेरी हार्दिक अभिलाषा है कि आप माया नगरी मुंबई जाकर फिल्मों और धारावाहिक में अभिनय करें। यह बात तो मैंने कई बार सार्वजनिक मंच से भी कही है। लेकिन आपकी इच्छा है तो कांग्रेस सरकार बनने पर इस परियोजना में आपकी पूरी मदद की जाएगी।

कांग्रेस नेता ने सीएम को ख़ुद कलाकारों से बात करने की हिदायत देते हुए कहा कि रही बात प्रदेश के सच्चे रंगकर्मियों की तो उनसे जाकर पूछिए वे बताएंगे कि कला और संस्कृति के विस्तार में मध्यप्रदेश में हुआ सारा कार्य कांग्रेस सरकारों ने ही कराया है। पिछले दिनों खजुराहो में एक संगीतकार बहन ने जब आपसे पेंशन मांगी थी तो आप मुंह फुला कर चले आए थे। इसलिए आप अपनी ही फिक्र करें, सच्चे कलाकारों को मां सरस्वती का आशीर्वाद सदा मिलता रहेगा और कांग्रेस पार्टी सदा उनकी सेवा करती रहेगी।

इससे पहले सीएम शिवराज ने मीडिया से बात करते हुए कमल नाथ से सवाल किया था। सीएम शिवराज ने कहा था कि युवा नीति के तहत हमने आदिवासी कलाकारों को फेलोशिप के ज़रिए मानदेय देने का फैसला किया है जबकि कमल नाथ ने प्रदेश में रंगशालाओं को खोलने का वादा किया था जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया।