शहडोल: मिड-डे मील के नाम पर नौनिहालों के स्वास्थ्य से खिलवाड़, स्कूलों में मिल रहा गुणवत्ताहीन भोजन

शासकीय माध्यमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन कि जिम्मेदारी सागर स्व सहायता समूह को दी गई है, जहां बच्चों को खुलेआम मानकों को ताक में रखकर गुणवत्ताहीन भोजन परोसा जा रहा है।

Updated: Sep 09, 2024, 05:21 PM IST

शहडोल। मध्य प्रदेश में मिड-डे मील के नाम पर नौनिहालों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। शहडोल जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां शासकीय माध्यमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन की दाल में सिर्फ पानी देखने को मिला। 

शहडोल जिले के बुढ़ार ब्लॉक के सेजहाई गांव के सरकारी स्कूल में मध्याह्न भोजन के नाम पर पानीदार दाल और चावल परोसा जा रहा है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। मामले की जानकारी पर जनपद बुढ़ार के CEO ने कहा कि जांच कराएंगे और गड़बड़ी सामने आई तो कार्रवाई की जाएगी।

सेजहाई गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों का आरोप है कि स्वयंसहायता समूह मासूम स्कूली बच्चों का मध्यान्ह भोजन डकार रहे हैं। जबकि इलाके के ज्यादातर आदिवासी गरीब बच्चे दोपहर को स्कूल से मिलने वाले मध्यान्ह भोजन पर ही आश्रित है।

इस मामले में जनपद सीईओ मुद्रीका पटेल का कहना है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें इस बात की जानकारी मिल चुकी है। सेजहाई स्कूल में गुणवत्ताविहीन भोजन बच्चों को दिया जा रहा है, जिसकी जांच के लिए BRC को भेजा गया है। जांच प्रतिवेदन आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि सरकारी स्कूलों में चलाई जाने वाली योजना मिड डे मील, यानी मध्यान्ह भोजन योजना की शुरूआत तो छोटे और गरीब बच्चों की मदद करने के लिए हुई थी, लेकिन इसमें शामिल अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने इस योजना को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। आए दिन इसको लेकर शिकायतें आती रहती हैं।