शिवराज सरकार ने खुले आहतों में लोगों को शराब पीने का लाइसेंस दिया, उमा भारती ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र

उमा भारती ने लिखा है कि शराबबंदी मेरे निजी अहंकार का विषय नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश की महिलाओं का सम्मान एवं उनके परिवार की सुरक्षा, युवाओं की रोजी-रोटी एवं भविष्य से जुड़ा हुआ एक सामाजिक विषय है

Updated: Jul 10, 2022, 04:43 AM IST

भोपाल। शराबबंदी की मांग को लेकर पूर्व सीएम उमा भारती एक बार फिर से सक्रिय हो गईं हैं। उमा भारती ने कहा है कि अभी से लेकर अक्टूबर तक मैं अकेले ही शराब की दुकानों एवं अहातों के सामने खड़ी होकर विरोध करूंगी और गांधी जयंती पर भोपाल की सड़कों पर महिलाओं के साथ मार्च करूंगी। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र भी लिखा है।

जेपी नड्डा को संबोधित पत्र में उमा भारती ने लिखा है कि, 'हमारे देश में नशा मुक्त समाज हो यह हमारी पार्टी के एजेंडा में हमेशा रहा। शराब भी अन्य नशों का धरातल तैयार करने वाला एक नशा है जब शराब के नशे का प्रभाव क्षीण हो जाता है तब व्यक्ति दूसरे नशे शुरू कर देता है। पंजाब की प्रगति एवं फिर नशे में उड़ते पंजाब की कहानी सर्वविदित है। मध्यप्रदेश भी तेजी से प्रगति की ओर बढ़ता एक राज्य है, किंतु वर्तमान में मध्य प्रदेश की नई शराब नीति प्रदेश को हर तरह से विनाश की दिशा में ले जा सकती है।'

उमा भारती ने आगे लिखा कि, 'आप इसके स्वयं साक्षी हो कि मैंने जब मार्च में इस जागरूकता अभियान का प्रारंभ किया जो कि हमारी पार्टी की नीति के अनुसार है, उसके बाद 13 अप्रैल से लेकर हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हैदराबाद में हुई बैठक दिनांक 3 जुलाई तक मैं पार्टी एवं अपनी विचारधारा के सभी निर्णायक व्यक्तियों से मुलाकात करके इस विषय पर वार्ता कर चुकी हूं। शराबबंदी मेरे निजी अहंकार का विषय नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश की महिलाओं का सम्मान एवं उनके परिवार की सुरक्षा, युवाओं की रोजी-रोटी एवं भविष्य से जुड़ा हुआ एक सामाजिक विषय है।'

पूर्व सीएम ने लिखा कि, 'मेरी इस विषय पर जब भी कोई महत्वपूर्ण मुलाकात हुई तो मैंने उसे कभी सार्वजनिक नहीं किया क्योंकि मुझे भरोसा हो जाता था कि कोई सकारात्मक परिणाम आएगा। इस कारण से कई बार मेरे मौन से मैं निंदा उपहास एवं आलोचना की पात्र बनी। इसलिए अब मैं आपसे अपनी पार्टी के मुखिया से सार्वजनिक अपील करती हूं कि शराब एवं नशे पर पार्टी के वरिष्ठ जनों से आप परामर्श करके एक जैसी शराब नीति सभी भाजपा शासित राज्यों को लागू करने का निर्देश दें जैसे कि गांव और शहरों में भीड़ को खुले अहातों में शराब पिलाना, किसी भी धार्मिक स्थल एवं शिक्षण संस्थाओं से शराब की दुकान की दूरी एवं निश्चित समय पर ही दुकान का खुलना, 11 शराब की बोतलें घर ले जाने की अनुमति, एक के बदले एक मुफ्त बोतल देने की दुकानदारों की नीति, मजदूरों की बस्तियों के पास शराब की दुकान एवं अहाता तथा जहाँ महिलाएं एकत्रित होती हों, इन सब में पार्टी की नीति स्पष्ट हो एवं हमारी पार्टी की हर राज्य सरकार उसका पालन करने के लिए बाध्य हो।'

उन्होंने शिवराज सरकार कि आलोचना करते हुए कहा कि हमारे देश में शराब पीकर वाहन चलाना अपराध है तो फिर हमारी मध्य प्रदेश की सरकार ने खुले अहातों में झुंड के झुंड लोगों को शराब पिलाने का लाइसेंस देकर क्या गैरकानूनी काम नहीं किया क्योंकि वह शराब के नशे में ही अपने घर तक वाहन से जाते हैं।
अभी भी मेरा भरोसा शिवराज जी पर एवं उन सब पर है जिनसे में मुलाकात कर चुकी हूं कि मध्य प्रदेश की सरकार अपनी शराब नीति को वापस लेकर नई संशोधित नीति को आपके मार्गदर्शन में प्रस्तुत करेगी।'

उन्होंने लिखा कि, 'मैं पार्टी लाइन नहीं तोड़ती हूं किंतु जिन विषयों पर मेरी आस्था होती है उन्हें भी मैं छोड़ नहीं सकती। मध्य प्रदेश एक संस्कारवान शांतिप्रिय राज्य है। मैं इस राज्य की सभी महिलाओं एवं अन्य शांतिप्रिय नागरिक जनों की तरफ से आपसे अपील करती हूं कि आप इस विषय की गंभीरता की ओर ध्यान देकर मेरे इस पत्र में शराब के संबंध में उठाए गए बिंदुओं के निराकरण का मार्ग निकालिए।' 

उमा भारती के इस पत्र को लेकर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने लिखा कि, 'आदरणीय उमा भारती जी,
उम्मीद करें अब शिवराज सिंह चौहान का असली चेहरा आपको दिख गया होगा। नशे से मध्य प्रदेश का नाश करने में जुटी बीजेपी आपको भी मूर्ख बना रही है। जेपी नड्डा को पत्र लिखकर आप भड़ास जरूर निकाल लें, लेकिन 1000% सच यह है बीजेपी अराजक/निरंकुश है।'