चुनावी साल में आदिवासियों पर करोड़ों खर्च करेगी शिवराज सरकार, जूते-चप्पल और साड़ियां बांटने की योजना

2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी सरकार चरण पादुका योजना लाई थी, जिसमें 261 करोड़ रु. में आदिवासियों व तेंदुपत्ता संग्राहकों को ये सामान बांटा गया था।

Updated: Jan 21, 2023, 04:13 AM IST

भोपाल। चुनावी साल में शिवराज सरकार आदिवासी वोट बैंक को रिझाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है। इसी क्रम में जानकारी मिली है कि राज्य सरकार आदिवासियों के बीच जूते-चप्पल और साड़ियां बांटने वाली है। इसके लिए शासकीय कोष से सैंकड़ों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

आदिवासियों को खुश करने के लिए शिवराज सरकार ने तत्काल फंड भी जारी कर दिया है। राशि की कोई कमी न हो इसके लिए बजट बढ़ाया गया है। 267 करोड़ रुपए में 21 लाख साड़ियां, 16.34 लाख जोड़ी जूते चप्पल, पानी की बोटल और बरसात से बचने के लिए 31 करोड़ रूपए की छतरी खरीदी की जाएगी। 

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दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भी सरकार आदिवासी वोट बैंक को रिझाने के लिए शिवराज सरकार चरण पादुका योजना लेकर आई थी, जिसमें 261 करोड़ रुपए में आदिवासियों व तेंदुपत्ता संग्राहकों को ये सामान बांटा गया था। लेकिन तब बांटे गए जूतों से कैंसर फैलने की बात उठी और सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार सरकार सतर्कता बरत रही है। कोई चूक न हो इसके लिए पूरी प्लानिंग की गई है। सत्ता और संगठन के लोगों से कहा गया है कि वे गांवों में जाकर कहेंगे की कांग्रेस नहीं चाहती की आदिवासी समुदाय के लोग जूते पहनें, इसलिए भ्रम फैलाती है। सरकार की ओर से उचित क्वालिटी के जूते भेजे गए हैं। 

2022 में तेंदूपत्ता जमा करने का काम करने वाले कार्डधारी को ही सामग्री मिलेगी। इसमें परिवार के पुरुष को जूते, महिला को चप्पल व साड़ी, प्रत्येक परिवार को एक छतरी और पानी की बोतल दी जाएगी।