साहब हम जिंदा हैं, कागजों में मृत घोषित कर दिया, जिंदा होने का सबूत लेकर भटक रहे सिंगरौली के 9 ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी कागजों पर मृत बताकर उन्हें मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ बंद कर दिया गया है। वे अपने जिंदा होने का सबूत लेकर कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।

Updated: Nov 07, 2022, 07:46 AM IST

सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां 9 लोगों को सरकारी कागजों पर मृत घोषित कर दिया गया है। अब वे अपने जीवित होने का सबूत लेकर कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। 

मामला सिंगरौली जिले के देवसर विकासखंड अंतर्गत बकहुल गांव का है। गांव में रहने वाले विजय शाह करीब एक महीने पहले संबल योजना के कार्ड का नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन सेंटर पर गए थे। वहां बताया कि आपकी मृत्यु हो चुकी है। यह सुनकर विजय शाह के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि अब वह कागजों पर जीवित कैसे होंगे।

शाह ने जाकर ग्रामीणों से यह बात बताई। इसके बाद गांव के अन्य लोग भी पंचायत कार्यालय पहुंचे। यहां पता चला कि गांव के अलग-अलग परिवारों के 9 लोगों की कागजों में मौत हो चुकी है। सभी लोग अपने जिंदा होने का सबूत लेकर जनपद पंचायत के सीईओ के पास पहुंचे। सीईओ ने कहा कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

करीब 15 दिन बाद भी जब जिंदा घोषित नहीं किया गया तो विजय शाह के साथ राजेंद्र शाह सहित सभी 9 लोग कलेक्टर राजीव रंजन मीणा के पास पहुंचे। यहां उन्होंने खुद के जीवित होने का सबूत दिया। कलेक्टर ने भी जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। लेकिन पांच दिन भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव ने जीवित होते हुए भी हमें मृत दर्शा कर हमारे जीवन के सारे अधिकारों को समाप्त करने का षड्यंत्र रचा है। हमें मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ बंद कर दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके संबल योजना के रुपए भी हड़प लिए।